असर विशेष : शिशु गृह को मिला नया मेहमान ,रंग लाई चाइल्ड लाइन की मेहनत,
गोबर मिली बच्ची स्वस्थ, आईजीएमसी से डिस्चार्ज, मिला जीवनदान

बड़ी जद्दोजहद के बाद आखिर सिरमौर में गोबर में मिली मासूम की जान बच गई और उसे सहारा मिल ही गया। इस मासूम को जीवन दान देने के लिए चाइल्ड हेल्प लाइन की टीम ने दिन-रात काम किया और उसे उसकी इतनी देखभाल की कि अब वह खतरे से बाहर है। मासूम को अब शिशु गृह का आशियाना नसीब हो गया है।
इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला से उसे अब डिस्चार्ज कर दिया गया है और अब वह शिशु गृह की नई मेहमान है। चाइल्ड हेल्प लाइन की टीम ने उस समय इस शिशु की देखभाल की जब उसकी देखभाल के लिए संबंधित प्रशासन अपने नियमों की दुहाई दे रहा था। लेकिन इस बीच चाइल्ड हेल्प लाइन की टीम ने दूधमुही बच्ची को जीवनदान देने के लिए वह तमाम कोशिशें की जो इस समय एक मां की रहती है। इसमें महिला टीम ने एक मां की पूरी जिम्मेदारी निभाई। टीम में बबीता , ललिता, योगराज , तरुण, संगीता के साथ वीरेंद्र शामिल है।
फिलहाल अभी बच्ची की स्थिति ऐसी है कि इसके टांग में फ्रेक्चर हुआ है। उसे चिकिस्तको द्वारा दवा लिखी गई है।
बहरहाल बच्ची को जीवनदान मिल गया है लेकिन
ये केस संबंधित प्रशासन के लिए एक सवाल
जरूर खड़ा कर चुका है।जिसमें बेटी की देखभाल के लिए सम्बन्धित प्रशासन की ओर से आईजीएमसी में एक” आया” नसीब नहीं हो पाई। अब शिशु गृह में पंद्रह बच्चे हो गए हैं।


