शिक्षा

प्रधानाचार्यो की नियमित नियुक्तियां क्यों नहीं ? :- हरी शर्मा 

 

 हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रधानाचार्य एवं निरीक्षण अधिकारी संघ ने सरकार से मांग की है कि हिमाचल प्रदेश में भविष्य में जब भी स्कूलों में प्रधानाचार्य के रूप में पदौन्नतियाँ हो तो वह नियमित रूप से की जाए। 

आज जारी प्रेस विज्ञप्ति में संघ के प्रदेश अध्यक्ष हरी शर्मा , उपाध्यक्ष अक्षत ठाकुर, मुश्ताक मोहम्मद ,कार्यालय सचिव अश्वनी ठाकुर , प्रधानाचार्य और ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टीचर आर्गेनाईजेशन के राष्टीय अध्यक्ष अश्वनी कुमार, मनोज धीमान वित्त सचिव, भोला दत्त कश्यप मुख्य संगठन सचिव, मुख्य प्रेस सचिव राम लाल शर्मा , एम एल टेकटा चीफ एडिटर, राकेश शर्मा सरमेट चीफ वेब सचिव , दिनेश ठाकुर रंधीर ठाकुर राजेंद्र चौहान आभा चंदेल , चेयर पर्सन महिला विंग, जिला शिमला अध्यक्ष राजेंद्र वर्मा राम आदि प्रधानाचार्य ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 1300 प्रधानाचार्य को अभी भी नियमित नहीं किया गया है जिसके कारण कि उन्हें प्रधानाचार्य के रूप में प्राप्त होने वाले लाभों से वंचित रहना पड़ रहा है और हर महीने पचीस से तीस हजार नुकसान उठाना पड़ रहा हैं ! उल्लेखनीय है कि 2017 से लेकर प्रधानाचार्य के रूप में होने वाली पदोन्नतिया अस्थाई तौर पर की जाती है। जिसके कारण कि उन्हें प्रधानाचार्य के रूप में किसी भी प्रकार का कोई भी लाभ प्राप्त नहीं होता है जबकि अस्थाई तौर पर होने वाली इन पदोन्नतियो के लिए केवल उसी व्यक्ति को पदोन्नत किया जाता है जो कि पदोन्नत होने के लिए सारी योग्यता रखता हो संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि कि पिछली सरकार व अधिकारियों के समक्ष इस मामले को लगातार रखा गया परंतु खेद का विषय है कि पिछली सरकार और विभागियों अधिकारियों के नकारात्मक दृष्टिकोड़ से 

 किसी न किसी तरह मामले को उलझाने का प्रयास किया गया जिसके कारण प्रधानाचार्यो का नियमतिकरण नहीं हो पाया !

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प्रदेशाध्यक्ष हरी शर्मा संघ ने आशा व्यक्त की है कि नई सरकार इस मामले को शीघ्र हल करगे उन्होंने माननीय मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सुखु और शिक्षा मंत्री से भविष्य में प्रधानाचार्यो की सभी न्यूक्तिया नियमित रूप से करने की माँग की है उन्होंने माँग की है की उपनिदेशक के रूप में होने वाली पदौन्नतियो में प्रवक्ताओं से पदोन्नत प्रधानाचार्यो को 50 प्रतिशत कोटा प्रदान किया जाये! उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 में बहुत लंबे संघर्ष और जिदोंजहद के बाद प्रधानाचार्य पदोन्नति के लिए मूख्याध्यापक और प्रवक्ताओं का कोटा कोटा 50 : 50 किया गया! उस समय जब प्रधानाचार्य के लिए कोटा 50:50 किया गया तो उनिदेशको के लिए भी ये 50:50 होना चाहिए था परंतु इसे मुख्यध्यापक से पदोउन्न्त प्रधानाचार्य के लिए 60%और प्रवक्ताओ से पदोउन्न्त प्रधानाचार्य के लिए 40% रखा गया । स्कूल प्रधानाचार्य संघ के प्रदेश अध्यक्ष हरी शर्मा ने बताया कि प्रवक्ताओं को प्रधानाचार्य के रूप में पदोन्नत्त होने के लिए 22-23 साल लग जाते हे इतने वर्ष इन्तजार करके प्रधानाचार्य बनने के बाद उपनिदेशक के रूप में पदोन्नत होने के लिए सही अनुपात में पदोन्नती कोटा न होने के कारण उपनिदेशक के रूप में पदोन्नति नामुमकिन हो जाती हे ! प्रवक्ता वर्ग से आये प्रधानाचार्य के लिए उपनिदेशक के रूप में पदोन्नति के लिये 57 वर्ष की आयु से पहले पदोन्नत होना आवश्यक हे अर्थात 57 वर्ष की आयु के बाद प्रवक्ता वर्ग से बने प्रधानाचार्य को उपनिदेशक के रूप में पदोन्नति प्रदान नहीं की जाती हे जो कि एक बड़ा अन्याय हे एक वरिष्ठ प्रधानाचार्य उपनिदेशक के रूप में पदोन्नत होने से वंचित रह जाता हे और कनिष्ठ पदोन्नत हो जाता है संघ के पदाधिकारियों ने सरकार से न्याय की गुराह लगाते हुये माँग की हे कि प्रवक्ता वर्ग से आये प्रधानाचार्य को उपनिदेशक के रूप में पदोन्नति के लिए 50 प्रतिशत अवसर प्रदान किये जाये और 57 वर्ष की आयु पूरा होने के बाद भी पदोन्नत किया जाए संघ के पदाधिकारियों ने पलेस्मेंट आधार पर प्रधानाचार्य व् उपनिदेशक की पदोन्नति की व्यवस्था को खत्म कर सारे वित्तीय लाभ देने का सरकार से निवेदन किया!  

 

Deepika Sharma

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