असर इंपैक्ट….
हिमाचल में शिक्षा जगत को मजबूत करने के लिए समग्र शिक्षा के तहत चल रहे स्टार प्रोजेक्ट को लेकर जवाब तलब किया गया है। जिसमें प्रोजेक्ट को रिव्यू करने के आदेश संबंधित अधिकारियों को दिए हैं। गौर हो कि स्कूलों के अपग्रेडेशन का पैसा स्कूलों तक नहीं पहुंचने को लेकर कलई पर कलई खुलने लगी है। गौर हो कि इसे लेकर असर न्यूज़ ने मामले उठाए हैं जिस बार आगामी कार्रवाई हुई है ।

प्रदेश सरकार ने इसे लेकर गंभीरता जाहिर की है।शिक्षा मंत्री ने भी कहा है कि योजना का रिव्यू किया जाएगा और पूरी जिम्मेदारी से इस योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा।
। सामने आया है कि केंद्र सरकार के तहत इस विश्व बैंक के स्टार प्रोजेक्ट में यह भी शर्त है कि जब तक संबंधित राज्य 75 फीसदी बजट का इस्तेमाल नहीं करेगा उससे बजट की अगली इंस्टॉलमेंट्स नहीं आएगी। अभी हिमाचल के साथ भी हुआ भी यही है की स्टार प्रोजेक्ट के तहत हिमाचल को 3 वर्ष होने को आ गए हैं लेकिन वहां 75 फीसदी बजट खर्च नहीं कर पाया है। लिहाजा विश्व बैंक के आगामी बजट पर फिलहाल हिमाचल को लेकर तलवार लटक गई है।
हिमाचल की ये स्थिति समग्र शिक्षा के स्टार प्रोजेक्ट के साथ आई है। जिसमें हैरानी ये हैं कि इस प्रोजेक्ट कि राशि को एक निजी बैंक में जोड़ा गया है। यानी की यदि स्कूलों में सम्बन्धित बैंक की शाखा खोली जाती है तब ही स्टार प्रोजेक्ट का पैसा संबंधित स्कूल के अपग्रेडेशन को मिल सकता है । अब हिमाचल में ऐसा नहीं हुआ और सभी स्कूलों के खाते भी नहीं खुल पाए और अभी तक संबंधित विभाग द्वारा 15000 खाते खोले जाने थे।जिससे संबंधित स्कूलों में आने वाला अपग्रेडेशन का बजट डिस्ट्रिक्ट स्टेट लेवल पर फंसा पड़ा है।
गौर हो की हिमाचल में स्कूलों का स्तर सुधारने के लिए विश्व बैंक के तहत स्टार प्रोजेक्ट चलाया गया है ।जिसमें करोड़ों का बजट मिला है। स्टार प्रोजेक्ट के तहत ये शर्त लगाई गई है कि मात्र एक ही बैंक नोडल एजेंसी के तहत कार्य रूप में होगी। जिसके तहत स्कूलों में बैंक के तहत खाते खुलनेे चाहिए। जो नहीं खोले गए है।



