डोडरा क्वार में तीन संस्थान डिनोटिफाई, जनता में रोष
कार्यालयों की पुनः बहाली के लिए राज्यपाल से गुहार

शिमला जिले के डोडरा क्वार में तीन संस्थानों को प्रदेश के नवनियुक्त सरकार द्वारा डिनोटिफाई किए जाने का कड़ा विरोध देखने को मिल रहा है। नवनियुक्त सरकार द्वारा पूर्व जयराम सरकार के अंतिम 8 माह के कार्यकाल में लिए गए निर्णयों पर समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू के आदेशों पर प्रदेश भर में कई संस्थानों को बंद करने का निर्णय लिया गया है, लेकिन इन निर्णय में ऐसे क्षेत्रों की आम जनता भी प्रभावित हो रही है जो इन कार्यालयों की मांग को लेकर कई वर्षों से संघर्षरत थे। ऐसी ही स्थिति शिमला जिले के डोडरा क्वार क्षेत्र में देखने को मिल रही है। पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा गत वर्ष डोडरा क्वार क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने स्थानीय समस्याओं को समझते हुए यहां पर त्वरित प्रभाव से जलशक्ति विभाग का उपमंडल कार्यालय, बिजली बोर्ड का उपमंडल कार्यालय और बागवानी विभाग का एसएमएस कार्यालय खुलवाए। बीते 6 महीनों से इनक कार्यालयों के माध्यम से स्थानीय लोगों को सेवाएं मिलनी शुरू हो गई थीं। लेकिन हाल की सरकार के एक मात्र फैसले ने इस क्षेत्र के लोगों को पुनः वर्षों पूर्व स्थिति में धकेल दिया है।
डोडरा क्वार की जिस्कुन पंचायत के उपप्रधान अनिकेत शर्मा का कहना है कि जिस तरह बिना किसी सोच विचार के सरकार ने ये फैसला लिया है वह निंदनीय है। उन्होंने बताया कि डोडरा क्वार क्षेत्र के लोगों को यह सुविधा रातोंरात प्राप्त नहीं हुई थी इसके लिए स्थानीय स्तर पर वह स्वयं 10 वर्षों से प्रयासरत रहे और उससे भी पूर्व कई अन्य जनप्रतिनिधि विभिन्न सरकारों के समक्ष इन कार्यालयों को खोलने की मांग करते रहे थे। उन्होंने बताया कि डोडरा क्वार क्षेत्र के लोग का जीवन कृषि व बागवानी पर आश्रित हैं। उसी को ध्यान में रखते हुए डोडरा क्वार में प्रदेश का दूसरा एसएमएस बागवानी कार्यालय खोला था। इसका उद्देश्य स्थानीय लोगों को कृषि व बागवानी के लिए वैज्ञानिक तरीकों को अमल में लाने तथा उनकी आर्थिकी को बेहतर करना था। इसी तरह पेयजल व बिजली संबंधित समस्याओं के निदान के लिए भी यहां कार्यालय खोले गए। लेकिन अब इन कार्यालयों के बंद होने से डोडरा क्वार के लोगों को ऐसी समस्याओं के लिए रोहडू़ जाना होगा जो कि डोडरा से करीब 75 किलोमीटर दूर है।
उपरोक्त समस्याओं को देखते हुए स्थानीय जनप्रतिनिधियों व आम जनता ने उपमंडलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है और क्षेत्र में बंद किए गए महत्वपूर्ण कार्यालयों को तुरंत बहाल करने की मांग की गई है।
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