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EXCLUSIVE: टीबी की दवाई खाने के डर से मरीज़ ने ब्लैक लिस्ट में डाल दिया हेल्थ काउंसलर का नंबर

हिमाचल टीबी फ्री के रास्ते बड़ी चुनौती

 

 

हिमाचल को टीबी फ्री करने के लिए हिमाचल स्वास्थ्य विभाग तेजी से काम कर रहा है लेकिन अभी भी उसके रास्ते में कई ऐसी चुनौतियां हैं जिससे उसे हरा कर आगे बढ़ना बेहद जरूरी है।

ऐसे ही कई मसले हिमाचल के विभिन्न क्षेत्रों में सामने आते हैं जिसमें से एक मामला शिमला का है जिसमें जब संबंधित अस्पताल द्वारा मरीज के टीवी होने की पुष्टि की रिपोर्ट हेल्थ काउंसलर को दी गई तो संबंधित काउंसलर मरीज के घर गया और उसकी काउंसलिंग की। जानकारी के मुताबिक जब काफी समय तक मरीज को दवाई खाने को लेकर काउंसलिंग की गई तो मरीज और उसका परिवार पूरी तरह से सजग और समर्पित हो गया कि इसकी दवाई खाना बहुत जरूरी है। लेकिन जब अगले दिन  जब मरीज को  फोन किया गया तो मरीज का नंबर नहीं मिला। लगातार काफी दिनों तक मरीज से फोन पर संपर्क साधा गया तो मरीज ने हेल्थ काउंसलर का नंबर ब्लैक लिस्ट में डाल दिया।

जिसके बाद हेल्थ काउंसलर को संबंधित आला अफसर ने कहा कि मरीज का मालूम नहीं हुआ है कि उसने टीवी की दवाई खाई है कि नहीं। जिसके बाद हेल्थ काउंसलर दोबारा शिमला के उस ग्रामीण इलाके में गया जहां पर उसे बड़ी मुश्किल से संपर्क किया गया और बाद में मालूम पड़ा कि मरीज का यह कहना था कि कि वह टीवी की दवाई खाने को लेकर ही बहुत ज्यादा डर रहा था कि इन दवाओं के इस्तेमाल से वह और ज्यादा बीमार हो जाएगा। मरीज का यह भी कहना था कि यदि वह टीवी की दवा खाएगा तो गांव का कोई भी व्यक्ति उसे कभी भी घर पर आमंत्रित नहीं करेगा।

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जिसके कारण उसने हेल्थ काउंसलर का नंबर ब्लैक लिस्ट में डाल दिया। गौरतलब है कि उसके बाद उसकी बहुत बारीकी से कई दिनों तक काउंसलिंग की गई और दोबारा से उसे टीवी की दवाई खाने को लेकर जागरूक किया गया।

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अब दवा खा रहा मरीज़ 

फिलहाल अब वह दवाई पूरी तरह से खा रहा है जिस पर हेल्थ काउंसलर नजर रखे हुए हैं। काउंसलर्स का कहना है कि ऐसी परेशानी कई बार उन्हें पेश आती है जब टीवी मरीज बीच में ही दवाई छोड़ देते हैं।

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रेजिस्टेंस पैदा कर देता है

गौर हो कि टीबी की दवाई यदि बीच में छोड़ी जाती है तो यहां टीबी की रेजिस्टेंस पैदा  हो जाती है जो बहुत ही खराब होती है लिहाजा मरीजों को जागरूक किया जा रहा है कि यदि उन्हें रोग हो जाता है तो वह घबराएं नहीं बल्कि डॉक्टरों द्वारा दी गई दवा और उनके द्वारा दिए जा रहे परहेज का पूरी तरह से पालन करें।

Deepika Sharma

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