EXCLUSIVE: बच्चों को भिखारी बनाकर खुद कर रहे मजे
चाइल्ड हेल्प लाइन का खुलासा, अभिभावक अपने आप साफ-सुथरे बच्चों को कई दिनों से नहाया नहीं
पर्यटन नगरी शिमला में बच्चों के माध्यम से अभिभावक उन्हें भिखारी बना कर कमाई में लगे है। हैरान हो गए लेकिन यह सच है शिमला में कई बच्चे जो भीख मांग रहे हैं वह अपने अभिभावकों की सहमति से है। और उन्होंने ये अपना एक गिरोह बना रखा है।ये उनकी मजबूरी नहीं बल्कि कमााई का एक साधन बन रहा है। जिन्हे अब पकड़ा गया है।

उनके अभिभावक उन्हें कई दिनों तक नहीं नहाते, कपड़े नहीं धोते और अपने आप साफ सुथरे रहते है।
ये खुलासा चाइल्ड लाइन शिमला ने किया है। ढली, भट्टाकुफर से पांच बच्चे ऐसे पकड़े गए है।जो अपने भीख मंगा कर अपने माता पिता को देते है। कई के अभिभावक तो घर पर दिन भर रहते हैं।
बताया जा रहा है कि कुफरी क्षेत्र के साथ लगते झुग्गियों के यह बच्चे हैं जिनके अभिभावक ऐसा कर रहे हैं। पूछताछ पर पता लगा है कि कई वर्षों से ये ऐसा कर रहे है। बच्चों को पढ़ा भी नहीं रहे हैं।
बताया जा रहा है की बच्चों को रेस्क्यू करने के बाद उनके अभिभावकों ने माफी मांगी है जिसमें दोबारा से ऐसा नहीं करने के बारे में कहा गया है।
असर न्यूज से खास बात चीत करते हुए चाइल्ड लाइन से विरेंद्र का कहना है कि बच्चों का रेस्क्यू करने के बाद अभिभिवकों ने बच्चों से भीख मंगवाने की बात कबूली है । लेकिन दोबारा ऐसी गलती ना हो उसे लेकर माफी मांगी है।
बॉक्स
बच्चों को सीडब्ल्यूसी मैडम अमीता के समक्ष ले जाया गया है। जिसमें बच्चों को पहले चाइल्ड सेंटर में ले जानें की बात पर विचार विमर्श किया गया । लेकिन अभिभावकों ने कबूला की वह उन्हें पढ़ाएंगे। अमीता ने कहा है की बच्चों को शिक्षित करने लिए कहा गया है।
बॉक्स
सभी बच्चों को दिए गए थे भीख मांगने के सेंटर
सभी बच्चों को अलग अलग भीख मांगने के सेंटर दिए जाते हैं। जिसमें बच्चों को ये भी बताया जाता कि वह लोगों को बोलें की उनके माता पिता नही है या वह बीमार है।

