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जानें, युवाओं के लिए कैसे वरदान साबित हो रहे हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के रोजगारोन्मुखी प्रयास

 

प्रदेश सरकार के मुताबिक  हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम (एचपीकेवीएन) के माध्यम से युवाओं केेे कौशल विकास और उन्हें स्वरोज़गार के प्रति प्रेरित करने के लिए अनेक महत्वाकांक्षी योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। एचपीकेवीएन कौशल गतिविधियों के समन्वय, कार्यान्वयन, तकनीकी व्यवसायिक और शैक्षिक प्रशिक्षण के लिए सराहनीय कार्य कर रहा है।

 

निगम का मुख्य उद्देश्य तकनीकी, व्यवसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण (टीवीईटी), गुणवत्ता कौशल प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे का विकास, युवाओं के लिए मांग संचालित कौशल प्रशिक्षण और हिमाचली युवाओं को 100 प्रतिशत लागत मुक्त प्रशिक्षण प्रदान करना है। हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के रोजगारोन्मुखी प्रयास प्रदेश के युवाओं के लिए वरदान साबित हो रहे हैं।

 

हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम द्वारा युवाओं को राज्य में विभिन्न प्रशिक्षण केन्द्रों के माध्यम से स्वरोज़गार आधारित व्यवसायों जैसे प्लम्बर, फिटर, बावर्ची, पर्यटन गाइड, कृषि व बागवानी आधारित स्वरोज़गार के अवसरों सहित कई तरह के प्रशिक्षण प्रदान किये जा रहे हैं। इन रोज़गारपरक व्यवसायों में प्रशिक्षण प्राप्त कर युवा अपनी आर्थिकी सुदृढ़ करने के साथ-साथ अन्य युवाओं के लिए भी प्रेरणा स्रोत बन रहे हैं। एचपीकेवीएन द्वारा प्रशिक्षण परिणामों की निगरानी एवं मूल्यांकन भी सुनिश्चित किया जा रहा है।

 

युवाओं को एचपीकेवीएन के प्रशिक्षण कार्यक्रमों और अन्य गतिविधियों के बारे में जागरूक करने के लिए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने 5 मई, 2022 को शिमला से निगम के जागरूकता वाहन ‘कौशल विकास रथ’ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इसके माध्यम से प्रदेशभर में शैक्षणिक संस्थानों और प्रमुख स्थलों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

 

हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के माध्यम से प्रदेश में अब तक 49727 उम्मीदवारों ने प्रशिक्षण कार्यक्रमों में दाखिला लिया है, जिनमें से प्रशिक्षित 32296 में से 20907 उम्मीदवारों को प्रमाणित किया जा चुका है। निगम द्वारा उच्च शिक्षा विभाग के सहयोग से तीन साल का बैचलर ऑफ वोकेशन स्नातक कार्यक्रम भी आरम्भ किया गया है, जिसके तहत खुदरा तथा पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इस पाठ्îक्रम में अब तक 4621 अभ्यर्थियों को नामांकित किया गया है।

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प्रदेश के 25 सरकारी महाविद्यालयों में स्नातक अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए ग्रेजुएट एड ऑन प्रोग्राम के माध्यम से डोमेन और रोजगार कौशल प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया जा रहा है। इसके तहत सभी सफल उम्मीदवारों को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त एनएसक्यूएफ (नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क) प्रमाण-पत्र प्रदान किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत अब तक 6233 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन कराया है।

 

प्रदेश में उद्योगों का निरंतर विस्तार हो रहा है और इनमें रोज़गार की अपार सम्भावनाएं हैं। युवाओं को उद्योगों में उच्च मांग के पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षित करने के लिए केन्द्र व राज्य सरकार के 9 प्रतिष्ठित प्रशिक्षण संस्थानों से समझौता ज्ञापन हस्तांतरित किये गए हैं। इसके तहत अब तक 3100 उम्मीदवारों को नामांकित किया जा चुका हैं।

 

जो युवा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में नामांकित नहीं हैं वह भी आईटीआई में एचपीकेवीएन प्रायोजित अल्पावधि प्रशिक्षण में शामिल हो सकते हैं। इसके तहत प्रदेश के 38 सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में एनएसक्यूएफ संरेखित 3 से 6 महीने का निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। इस कार्यक्रम के तहत अब तक 10413 छात्रों ने अपना नामांकन करवाया है।

 

एचपीकेवीएन प्रदेश में केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित और राज्य सरकार द्वारा प्रबंधित प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) भी कार्यान्वित कर रहा है, इसके तहत युवाओं को अनेक रोजगारोन्मुखी क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण और प्रमाणित उम्मीदवारों को प्लेसमेंट में सहायता प्रदान की जा रही है। इसके तहत 16375 युवाओं को नामांकित किया गया है और 11022 को प्रमाणित किया जा चुका है।

 

प्रदेश में दिव्यांगजनों के कौशल विकास के उद्देश्य से एचपीकेवीएन द्वारा विशेष अभियान ‘नवधारणा’ भी चलाया जा रहा है, जिसके माध्यम से दिव्यांगों को पर्यटन व आतिथ्य और खुदरा क्षेत्र में रोज़गारोन्मुखी प्रशिक्षण दिया जाएगा।

 

हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम, कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से न केवल राज्य के युवाओं की रोज़गार प्राप्त करने की क्षमता में गुणात्मक सुधार कर रहा है, बल्कि उन्हें स्वावलम्बी बनने के लिए भी संबल प्रदान कर रहा है।

Deepika Sharma

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