मधुकर भारती और अरुण भारती की स्मृति में सर्जक ने गेयटी में किया आयोजन


हिमाचल प्रदेश भाषा और संस्कृति विभाग के सचिव राकेश कंवर में कहा है की हिमाचल प्रदेश में रचा जा रहा साहित्य राष्ट्रीय स्तर से किसी भी तरह से कम नहीं है। वे रविवार को साहित्यिक संस्था सर्जक की और से मधुकर भारती और अरुण भारती स्मृति कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। राकेश कंवर ने इस अवसर पर कहा की गेयटी में अधिक से अधिक आयोजन संस्थाओं को करने चाहिएं ताकि साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में और गति आए। उन्होंने मधुकर भारती को याद करते हुए उनकी कविता समागम पढ़ी। उन्होंने कहा की भारती जी कविता की क्षमता से परिचित थे। उन्होंने अरुण भारती को भी याद करते हुए उनकी कहानियों को महत्वपूर्ण बताया। आयोजन के प्रथम सत्र की अध्यक्षता के आर भारती ने की। गेयटी को कार्यक्रमों के आयोजन के लिए उपलब्ध करवाने के लिए सर्जक की ओर से विभाग के सचिव का आभार जताया गया। पहले सत्र में अवसर पर राजकुमार राकेश और आत्मा रंजन ने मधुकर भारती और विद्यानिधि छाबड़ा ने अरुण भारती के लेखन और व्यक्तित्व पर वक्तव्य पढ़े। आत्मा रंजन ने मधुकर को दुर्लभ व्यक्तित्व का कवि बताया। वरिष्ठ साहित्यकार और संपादक डॉ तुलसी रमण ने दोनों दिवंगत साहित्य कर्मियों के संस्मरण साझा किए। राजकुमार राकेश ने मधुकर भारती के लेखन को रिकॉर्ड करने का सुझाव देते हुए कहा कि आने वाली पीढ़ी के लिए ये महत्वपूर्ण सरमाया है। विद्यानिधि छाबड़ा ने अरुण भारती की कहानियों पर अरुण भारती एक मुखर व्यक्तित्व के मालिक थे और उनकी कहानियों में भी यह झलकता है। सर्जक के सदस्य ओम भारद्वाज ने आमंत्रित रचनाकारों का स्वागत किया जबकि सत्यनारायण स्नेही ने सत्र का संचालन किया। सुदर्शन वशिष्ठ बतौर अतिथि मंच पर उपस्थित रहे। कार्यक्रम में मधुकर भारती के पुत्र अनूप और उनकी बेटियां भी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में राजकुमार राकेश के कहानी संग्रह “कैंसर वार्ड” का विमोचन राकेश कंवर और “अश्वमेध” का विमोचन डॉ तुलसी रमण ने किया। दोपहर बाद दूसरे सत्र में कवि गोष्ठी की अध्यक्षता डॉ तुलसीरमण ने की। इस सत्र में वरिष्ठ कवि कुलराजीव पंत, रतनचंद निर्झर, ओम भारद्वाज, आत्माराम रंजन, प्रदीप सैनी, नरेश देवग, अरुणजीत ठाकुर, दयानंद शर्मा, कुलदीप गर्ग तरुण, के आर भारती, गुप्तेश्वनाथ उपाध्याय, रोशन जायसवाल, संजय ठाकुर, सुमितराज वशिष्ठ, वेदप्रकाश, जगदीश बाली, राजेश सारस्वत, दीपक भारद्वाज, शिवेन, कल्पना गांगटा, प्रांशु, सुरेंद्र कुमार शिव, मोहन साहिल आदि ने कविता पढ़ी। दूसरे सत्र में दयानंद शर्मा की किताब का भी विमोचन सर्जक मंच पर हुआ। कार्यक्रम में सर्जक के सदस्य मुंशी शर्मा जी, रणवीर गुलेरिया, संदीप वर्मा, राजू तोमर, राजकुमार गुप्ता की उपस्थिति भी अंत तक रही।



