विश्व विरासत दिवस के उपलक्ष्य में शिमला विरासत पदयात्रा

हिमाचल राज्य संग्रहालय शिमला, हिमाचल डिजिटल कला संस्थान के संयुक्त तत्वाधान से विश्व विरासत दिवस के उपलक्ष्य में शिमला विरासत पदयात्रा का आयोजन किया गया। पदयात्रा की शुरुआत रिज़ मैदान स्थित काईस्ट चर्च से की गयी जिसमें लगभग 150 पर्यटक, विद्यार्थी व स्थानीय निवासी शामिल हुए। पदयात्रा शिमला की विभिन्न विरासत भवनों गेयटी थियेटर, टाउन हाल, डाकघर शिमला, माल रोड, बैंटनी कॉसल, रेलवे बोर्ड बिल्डिंग, गार्टन कॉसल, शिमला रेलवे स्टेशन, कैनेडी भवन, सेनिटोरियम, सिसल होटल, चौडा मैदान डाकघर, भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, पीटर हॉफ होते हुए हिमाचल राज्य संग्रहालय पहुचीं। पदयात्रा के विभिन्न पड़ाव पर पर्यटक व स्थानीय लोग भी शामिल हुए व धरोहर भवनों के इतिहास व सांस्कृतिक महत्व की जानकारी प्राप्त की।
संग्रहालय में विश्व विरासत दिवस के उद्देश्य व महत्व पर विस्तृत चर्चा की गयी । जिसमें सेवानिवृत प्रशासनिक अधिकारी पूर्णिमा चौहान, प्रसिद्ध इतिहासकार ओ० सी० हांडा, संग्रहालयाध्यक्ष डा० हरि चौहान, शिमला विरासत पदयात्रा के संस्थापक सुमित राज वशिष्ठ, छायाकार डा० अमित कुमार, हिमालय डिजिटल कला संस्थान के सदस्य, पर्यटक व स्थानीय लोगों ने भाग लिया।
पूर्णिमा चौहान द्वारा शिमला के गौरवमयी सांस्कृतिक विरासत पर अपने विचार व्यक्त किये गए, ओ0 सी0 हांडा द्वारा धरोहरों के संरक्षण व संवर्धन की आवशकता पर बल दिया गया।
संग्रहालयाध्यक्ष द्वारा बताया गया कि दुनियाभर में प्रत्येक वर्ष यह दिवस 18 अप्रैल को मनाया जाता है। इसका प्रस्ताव 1982 में अंतराष्ट्रीय स्मारक और साईट परिषद द्वारा सुझाया गया था व यूनेस्को ने 1983 में इस प्रस्ताव को स्वीकार किया था। आज विश्व के 167 देशों में 1159 विश्व विरासत स्थल हैं, इटली में सर्वाधिक 58 संरक्षित विश्व विरासत स्थल हैं। भारत में 40 स्थल हैं व भारत का 6 वां स्थान है।


