शिक्षक महासंघ के प्रदेश प्रधान डॉ प्रेम शर्मा के स्थानांतरण पर रोष

हिमाचल शिक्षक महासंघ हिमाचल प्रदेश के मुख्य संरक्षक प्रोफेसर यशवंत सिंह राणा, कार्यकारी प्रधान पवन गांधी, प्रकाश राव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुनील दत्त शर्मा, अनिल नेगी, सदानंद शर्मा, महासचिव लायक राम शर्मा, पवन मिश्र, जन्मेजय गुलेरिया ,उपाध्यक्ष अशोक चौहान , संयुक्त सचिव विनोद मांटा, मुख्य संगठन सचिव रमेश सरैक, संगठन सचिव दीनानाथ शर्मा, नरोत्तम शर्मा, प्रचार सचिव प्रेम शर्मा आदि शिक्षक नेताओं ने हिमाचल शिक्षक महासंघ के प्रदेश प्रधान डॉ प्रेम शर्मा के स्थानांतरण पर रोष प्रकट किया है।
प्रैस को जारी बयान में शिक्षक नेताओं ने प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग आरोप लगया कि यह स्थानांतरण राजनैतिक द्वेष तथा नकारात्मक सोच के चलते पद सहित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जुन्गा से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रामपुर के लिये दुर्भावनावश किया गया है।जबकि आजकल वार्षिक परीक्षायें ज़ोरों पर चल रही हैं।इससे जुन्गा स्कूल में अध्ययनरत साढे तीन सौ छात्र-छात्राओं को योग शिक्षा से वंचित किया गया है।तथा ग्यारहवीं वा बाहरवीं कक्षा जिन विद्यार्थियों ने योग विषय का चयन किया है उनको बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है और मानसिक रूप से भी तनाव ग्रस्त हैं।जबकि उक्त अध्यापक के स्थान पर किसी दुसरे अध्यापक की कोई भी व्यवस्था नहीं कि गयी है।
हिमाचल शिक्षक महासंघ ने विगत 5 फरवरी को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, शिक्षा मन्त्री, मुख्यसचिव, प्रधान सचिव शिक्षा, निदेशक उच्चतर व प्रारम्भिक को इकीस सूत्रीय मांग पत्र भेजा था तथा बैठक बुलाने के लिये आग्रह किया था जिसमें पुरानी पेंशन बहाली, पंजाब के समान छ्ठे वेतन आयोग की सिफारिशों को अक्षरश लागू करने की माँग की गई है इसके एवज़ में हिमाचल शिक्षक महासंघ के प्रदेश प्रधान डॉ प्रेम शर्मा वअन्य वर्गों के लगभग चार दर्ज़न शिक्षकों के तबादले अनावश्यक रूप से प्रदेश के विभिन्न भागों में किये गये, जोकि तर्क संगत नहीं है।
हिमाचल शिक्षक महासंघ की समस्त राज्य कार्यकारिणी, जिले व खंडों की कार्यकारिणी ने सरकार व शिक्षा विभाग के इस फैसले की कड़े शब्दों में घोर निंदा की है।शिक्षक नेताओँ ने आगे कहा कि आगामी नगर निगम व विधान सभा चुनावों में शिक्षक व कर्मचारी इसका करारा जवाब देंगे।हिमाचल शिक्षक महासंघ शिक्षकों व कर्मचारियों कि ज्वलन्त मांगों को प्रमुखता के साथ आगे भी मांगे उठाने से गुरेज नहीं करेगा।
शिक्षक नेताओं ने सरकार को चेताया कि यदि सरकार ने 21 सूत्रीय मांग पत्र परचर्चा के लिए नहीं बुलाया तो हिमाचल शिक्षक महासंघ सरकार के विरुद्ध धरना प्रदर्शन किये जायंगे। हिमाचल शिक्षक महासंघ ने सरकार पर आरोप लगाया है कि कुछ एक स्वम्भू नेता शिक्षा निदेशालय में शिक्षा निदेशक व सरकार को गुमराह करने का काम कर रहे हैं, ऐसे शिक्षकों को निदेशालय व सचिवालय से स्थानातरण करके विद्यालय में भेजा जाना चाहिए ताकि इसका लाभ विद्यालयों में विद्यार्थियों को मिल सकें।आरोप लगाया कि प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में शिक्षकों व प्रधाचार्यों के सैकड़ों पद रिक्त पड़ें हैं जबकि सरकार के हितैषी शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर नियमों को दर-किनार करके निदेशालय में डटे हुए हैंऔर उनका वेतन पाठशालाओं से अवैध रूप से निकला जा रहा है।हिमाचल शिक्षक महासंघ सरकार व शिक्षा विभाग की इस दोष पूर्ण नीति का घोर विरोध करता है।जबकि होनहार, ईमानदार,निष्ठावान शिक्षकों को बेवजह प्रताड़ित किया जा रहा है ,जो की निंदनीय व असहनीय है ।



