सम्पादकीय

असर सम्पादकीय : काश्मीर और पंडित

लाल रक्त से सनी केसर की डाली

आत्मनिर्भर हर रोज़ तरह आज भी विश्वगुरु की प्रगति में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करता हुआ अपने कार्य में पूरी तरह व्यस्त था ! पिछले दिन के कार्यों का अवलोकन कर नये दिन की शुरुआत ठीकठाक थी! थोड़ा सा समय मिलते ही हर नौजवान की भांति आत्मनिर्भर ने फ़ोन निकाला और स्क्रॉल करने लगा ! पिछले कुछ समय में सोशल मीडिया लगभग हर वर्ग के लोगों का एक सबसे पसंदीदा टाइमपास बन चूका था ! नौजवानों के लिए तो शायद ये टाइम पास से कहीं अधिक एक महत्वपूर्ण दिनचर्या थी ! फेसबुक पर टहलते टहलते हर रोज़ की भांति एक ख़ास विषय ने आत्मनिर्भर को अपनी ओर आकर्षित किया जो के एक आम बात थी ! अक्सर ट्रेंडिंग टॉपिक्स सोशल मीडिया पर मुख्य धारा में विचरते देखें जा सकते हैं फिर चाहे वे प्रमाणिक हों या प्रसारित, संवेदनशील हो या संवेदनहीन ! इस बार जिस विषय ने आत्मनिर्भर को विचलित किया वह था नरसंहार और पलायन का ! कुछ दशकों पहले घटी एक त्रासदी का फ्लैशबैक एक फिल्म के माध्यम से ! चूँकि आत्मनिर्भर एक पढ़ा लिखा नौजवान था और तार्किक एवं नैतिक मूल्यों के आधार पर आलोचनात्मक विचारों से परिपूर्ण था, सो तथ्यों को लेकर मंथन कम से कम आत्मनिर्भर के लिए तो ज़रूरी था ! किसी भी प्रचलित विषय को अनायास मान लेने की अनुमति आत्मनिर्भर को उसके बुधि विवेक से नहीं थी ! ऐसा नही था के आत्मनिर्भर विषय से पूरी तरह अनभिग्य था ! क्यूंकि आत्मनिर्भर ने पूरी लगन से अपने राष्ट्र इसके इतिहास को तथा राजनैतिक पृष्ठभूमि को पढ़ रखा था ! वह जानता था के किस तरह कुछ दशकों पहले उसके राष्ट्र का एक अभिन्न क्षेत्र बाहरी घुसपैठ क्यूंकि वह राज्य देश की सीमा से सटा था, सियासी उठापठक और धार्मिक अलगाव के चलते विनाश का गवाह बना था ! किस तरह सदियों से साथ रहने वाले दो समुदाय प्रशासनिक निश्क्रियिता और पड़ोसी देश के आतंकवाद की साज़िश के शिकार हुए थे ! विभाजन के समय जब सम्पूर्ण राष्ट्र में धार्मिक कट्टरता के चलते दंगे हुए तो यह इकलौता राज्य ऐसा था जहाँ इस तरह की कोई घटना नहीं घटी और समकालीन समय के महापुरुषों ने पुरे देश को इस विशेष राज्य से सीखने की हिदायत दी ! राष्ट्र का एक अविभाज्य क्षेत्र जिसका नाम कश्मीर था और वहां पंडित भी अन्य सामाजिक जातियों और धर्मों के साथ सदियों से रहते आये थे ! आत्मनिर्भर ने कुछ प्रमाणिक साधनों की मदद से विषय को और टटोलने की कोशिश की ! उसने पाया के किस तरह राष्ट्रीय पटल पर हुई कुछ ग़लतियों का खामियाजा यहाँ के लोगों को भुगतना पड़ा ! बहुसंख्यकों का बुधि पतन और अल्पसंख्यकों का पलायन और नरसंहार ! आतंकवाद अलगाववाद और हिंसा किसी एक पर भी नियम्त्र्ण पाने में विफल सत्तापक्ष तथा सुरक्षा एजेंसियां ! आत्मनिर्भर के मन में उदासी के बादल छा गये जो के किसी भी देशभक्त नौजवान के लिए साधारण बात थी ! एक विशेष समुदाय के प्रति घृणा और द्वेष पनपने से पहले आत्मनिर्भर ने स्वयं को संभाला और वर्तमान में फिल्म के माध्यम से प्रसारित सन्देश को समझने की चेष्टा करने लगा ! वह हर स्वघोषित राष्ट्रवादी द्वारा फिल्म देखने की सिफारिश के पीछे के भाव को समझने का प्रयास करने लगा ! चूँकि फिल्म देखने को अब राष्ट्रहित से जोड़ कर देखा जाने लगा था और देश में स्थापित सत्तापक्ष का एक महत्वपूर्ण दल जो उस समय की सरकार में भी एक प्रमुख घटक दल था, अपने और देश के मुखिया सहित इसे देखने की सिफारिश कर रहा था ! आत्मनिर्भर एक निष्पक्ष निर्भीक और विवेकी नौजवान था ! एक प्रगतिशील नागरिक होने के नाते केवल नैतिकता ही उसके विचारों को प्रभावित करती थी ! वह आकलन करने लगा के फिल्म में प्रदर्शित दृश्यों को आखिर किस उदेश्य से क्रमबद्ध किया गया और यदि उन्हें जनता के समक्ष रखना इतना महत्वपूर्ण था तो एक निम्न स्तर की व्यावसायिक फिल्म द्वारा ही क्यूँ कोई प्रमाणिक स्वतंत्र दस्तावेजी फिल्म द्वारा क्यूँ नहीं ! क्या इसे उस विशेष समुदाय को जो के इस दुर्भाग्यपूर्ण त्रासदी का शिकार हुआ था उनके प्रति कोई सहानुभूति का भाव जगाने के लिए रचा गया था ! आत्मनिर्भर अपने आप को अपने इस अनुमान के लिए मनाने में थोड़ा असहज महसूस कर रहा था ! खैर फिल्म देखने के सुझाव और फिल्म की कुछ झलकियाँ देखने और इसके निर्माताओं कलाकारों तथा समर्थकों की दलीलों में कोई विशेष विसंगति न देख आत्मनिर्भर ने वास्तविक विषय पर सोचना शुरू किया ! आत्मनिर्भर महसूस करने लगा के हर बार की तरह इस बार भी एक मुद्दे के रूप में ही प्रसंग को भुनाया जा रहा था ! पलायन के इतने समय बाद भी किसी भी सत्तापक्ष द्वारा एक भी प्रवासी अल्पसंख्यक का घाटी में पुनर्वास नहीं किया गया था ! अपना सब कुछ खो चुके पंडितों को छिटपुट योजनाओं के अलावा और कोई विशेष विशुद्ध सहयोग नहीं मिला था जो उनकी वापसी सुनिश्चित कर सके और उन्हें राहत दे सके ! यदि थोड़ा बहुत कुछ सम्मान और स्नेह आश्रय के रूप में मिला भी था तो केवल उनके द्वारा जो जन कल्याण के लिए समर्पित थे और देश की जनता से ! सत्ता की महत्वकांक्षा रखने वालों से मिली थी तो केवल निराशा और थोथी सहानुभूति प्रसार प्रचार के रूप में ताकि देश के अन्य बहुसंख्यकों में एक कलुषित छवि बनाई जा सके जो शायद भविष्य में सत्ता साधने में सहायक सिद्ध हो ! आत्मनिर्भर विचलित था के किस तरह फिल्म निर्माता तथा कुछ कलाकार उत्पीड़न का शिकार हुए समुदाय के आंसुओं और संताप का अभिनय कर एक संवेदनशील विषय पर वाहवाही और तालियाँ बंटोरने में लगे थे ! वह अनुभव करने लगा था के एक बार फिर उसका विश्वगुरु राष्ट्र एक प्रायोजित द्वेषपूर्ण वेग का निशाना बन रहा था जिसका लक्ष्य शायद सिर्फ नफरत थी ! कश्मीर देश का एक हिस्सा है और पंडित उस कश्मीर का मूल निवासी जिसे घर लौटने की उम्मीद है और यही वास्तविकता  है  ! आत्मनिर्भर को लग रहा था के एक संवेदनशील विषय जिसे सहानुभूति और सहयोग की आवश्यकता थी उसे इस तरह किसी फिल्म के माध्यम से जानना और उस पर एक आम राय स्थापित करना मुर्खता होगी और वह फिल्म देखे बिना ही घर लौट गया !

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Deepika Sharma

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