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बड़ी खबर : बच्चों को अगली कक्षा में इनरोल नहीं करने को लेकर जांच के आदेश

शिक्षा निदेशक ने अभिभावकों की मांग पर दिए जांच के आदेश

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कोविड-19 काल में निजी स्कूलों की ओर से बच्चों की पूरी फीस वसूलने के कारण उपजा विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। इस कड़ी के तहत शिमला के एक पब्लिक स्कूल ने पहले बच्चों के रिजल्ट रोक दिए थे और अब new class में एनरोल करने से मना कर दिया। अभिभावक आज एक बार फिर इसी मामले को ले कर स्कूल गए पर स्कूल ने बच्चों को एनरोल करने से मना कर दिया और पूरी फीस जमा करने को कहा जिसे अभिभावकों ने भी साफ मना कर दिया।

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 इस विवाद के सिलसिले में अभिभावकों ने आज शिक्षा  निदेशक से भी मुलाकात की ओर अपना ज्ञापन दिया, 

शिक्षा निर्देशक ने शीघ्र ही उन्हें उचित कारवाई करने का आश्वासन दिया। और इसमें जांच के लिए कहा है।अभिभावक अब तक कई बार स्कूल प्रिंसिपल से मिल चुके हैं, लेकिन प्रबंधन कम फीस लिए जाने और वर्ष, 2019 की अधिसूचना के अनुसार फीस को जमा करवाने से साफ इंकार कर रहा है। अभिभावक योगेश वर्मा, उमेश शर्मा, वीरेंद्र कुमार, मनीष मैहता, मोहन जागटा, रेखा शर्मा, निशा राणा, मीना, अंजना मेहता, अर्जुन और टेक चंद ने यहां जारी संयुक्त बयान में कहा कि प्रबंधन के रवैये से अभिभावक व छात्र परेशान है। उनका कहना है कि अभिभावक वर्ष, 2019 की अधिसूचना के अनुसार फीस देने को तैयार है, लेकिन स्कूल प्रबंधन उनकी इस बात को मान नहीं रहा है।

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उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधन सरकार की ओर से जारी अधिसूचना की सरेआम धज्जियां उड़ाई रहा है तथा बिना किसी जनरल हाउस की अप्रूवल के मनमर्जी की फीस वसूली जा रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बिना पी.टी.ए. गठित किए ही फीस में बढ़ौतरी संबंधी यह निर्णय लिया गया है, जो सही नहीं है। उन्होंने स्कूल प्रबंधन से वर्ष, 2019 की अधिसूचना के अनुसार फीस लेने और बच्चों को स्कूल मैं एनरोल करने की मांग की। अभिभावकों ने यह भी कहा कि शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने पिछले कल एक बार फिर से यह स्पष्ट किया है कि कोरोना काल में अभिभावकों से पूरी फीस नहीं वसूली जा सकती, और कहा है, कि शिकायत मिलने पर उचित कार्यवाही की जाएगी|

Deepika Sharma

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