
आज SFI हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने विश्वविद्यालय में छात्र मांगों को लेकर पिंक पेटल पर धरना प्रदर्शन किया तथा प्रदेश विश्वविद्यालय की EC को ज्ञापन सौंपा। इस धरने का कारण वि वि प्रशासन द्वारा लगातार छात्र हितों की अनदेखी करके अनेक छात्र विरोधी फरमान जारी करना है।
इस धरने प्रदर्शन में बात रखते हुए सुरजीत ने कहा कि हाल ही में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा अधिसूचना जारी करके 2019 से 2021 में होस्टल में रह रहे विद्यार्थियों से 2020-21 की फीस वसूलने की बात कही गई है परन्तु 2020-21 में कोरोना के कारण होस्टल बंद रहे तथा छात्र अधिकतर समय घर पर ही रहें हैं। हिमाचल विश्वविद्यालय में अधिकतर छात्र निम्न तथा मध्यमवर्गीय परिवार से संबंध रखने वाला पढ़ता है और यह बात किसी से छुपी नहीं है की कोरोना महामारी के कारण इन परिवारों की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई है । ऐसे में इन छात्रों से इस फीस को वसूलना इन परिवारों पर और अधिक आर्थिक बोझ डालना होगा । इसलिए एस एफ आई वि वि ईकाई ने यह मांग करती है कि इस फीस को छात्रों से ना लिया जाए ।
इसके अलावा मिनाक्षी राणा ने कहा कि एस एफ आई विश्वविद्यालय ईकाई पिछले लम्बे समय से विश्वविद्यालय में पढ़ रहे प्रत्येक छात्र के लिए हॉस्टल की मांग कर रही है । इस समय वि वि में छात्रों के लिए केवल चार हॉस्टल है तथा छात्राओं के लिए केवल दस हॉस्टल है। विश्वविद्यालय में पढ़ रहे छात्रों की संख्या लगभग चार हजार है तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि केवल कुछ प्रतिशत छात्र ही हॉस्टल में इस समय रह रहे हैं। अन्य छात्रों को अत्यधिक किराए पर रूम लेकर सांगटी अथवा शिमला के दूरदराज के क्षेत्रों में रहना पड़ता है । इन रूमों में अत्यधिक किराए के अलावा पानी की समस्या, धूप ना होना और पढ़ाई के लिए अनुकूल वातावरण ना मिल पाने आदि समस्याओं का सामना छात्रों को करना पड़ता है । विश्वविद्यालय प्रशासन के निठल्लेपन का आलम यह है कि नये हॉस्टल बनवाने के लिए पैसा आने के बावजूद भी अभी तक हॉस्टल के लिए जमीन तक चिन्हित नहीं की गई है। इसीलिए एस एफ आई यह मांग करती है कि नए हॉस्टल को बनाने की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जाए तथा प्रदेश विश्वविद्यालय में पढ़ रहे प्रत्येक छात्र के लिए हॉस्टल मुहैया करवाए जाए ताकि उन्हें अधिक आर्थिक बोझ ना सहना पड़े और पढ़ाई के लिए अनुकूल वातावरण भी मिल पाए ।
एस एफ आई ने विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि प्रशासन का इन मांगों को लेकर एक नकारात्मक रवैया रहा है एस एफ आई पहले भी इन मांगों को प्रमुखता से उठा चुकी है। यदि जल्द छात्र मांगों के प्रति सकारात्मक रवैया नहीं अपनाया गया तो आने वाले समय में एस एफ आई विश्वविद्यालय के अंदर उग्र आंदोलन करेगी जिसका जिम्मेदार विश्वविद्यालय प्रशासन स्वयं होगा ।



