विविध

पारम्परिक स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र गतिविधियों को बढ़ावा देना जरूरी

No Slide Found In Slider.

 

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज सरदार वल्लभ भाई पटेल संकुल विश्वविद्यालय, मंडी के शिक्षण संकाय और विद्यार्थियों के साथ संवाद करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के माध्यम से हमारी पारंपरिक स्वास्थ्य और कृषि गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि समाज वास्तविक रूप से लाभान्वित हो।

No Slide Found In Slider.

 

 

 

राज्यपाल ने कहा कि हमें अपनी शिक्षा प्रणाली को जमीनी कार्यों से जोड़ना होगा, जिसके लिए विद्यार्थियों को नियमित रूप से क्षेत्रों का भ्रमण करवाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल जैव विविधता में समृद्ध है और इस पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। इस जैव विविधता को ग्रामीणों और शोधार्थियों की सहायता से सही रूप से प्रलेखित किया जाए, क्योंकि ग्रामीणों को स्थानीय पौधों की प्रजातियों का बेहतर ज्ञान होता है।

 

विश्वविद्यालय के विद्यार्थी द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में राज्यपाल ने कृषि और मधुमक्खी पालन जैसी संबद्ध गतिविधियों में अनुसंधान कार्य पर विशेष बल देने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के पास इस क्षेत्र में कार्य करने के लिए समुचित अवसर हैं क्योंकि विश्वविद्यालय ने हाल ही में कार्य करना शुरू किया है। उन्होंने हर्बल गार्डन, विस्तार गतिविधियों इत्यादि को बढ़ावा देने, पारंपरिक ज्ञान को महत्व प्रदान करने और विश्वविद्यालय को इसे अपनी कार्यसूची में शामिल कर इस पर कार्य करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने पर्यावरण, जैव विविधता और पारिस्थितिकी पर चर्चा की और इस दिशा में और अधिक शोध कार्य करने को कहा।

No Slide Found In Slider.

उन्होंने युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हिमाचल एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है तथा ऐसे में हमें अपनी आने वाली पीढ़ी को नशे जैसी बुराइयों से बचाने के लिए और अधिक सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को ऐसी गतिविधियों से दूर रहने की अपील की।

 

इस अवसर पर कुलपति प्रो. सी.एल. चंदन ने राज्यपाल का स्वागत कर उन्हें सम्मानित किया और विश्वास जताया कि उनका दौरा विश्वविद्यालय के लिए प्रेरणादायक साबित होगा। उन्होंने राज्यपाल को विश्वविद्यालय की पृष्ठभूमि के बारे में अवगत करवाया और कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन की जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि कुलाधिपति के निर्देश पर विश्वविद्यालय ने राज्य में भूस्खलन का अध्ययन करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित की है। इस समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट पहले ही प्रस्तुत की जा चुकी है।

 

 

 

अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर संजय नारंग ने प्रस्तुति के माध्यम से विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों का विवरण दिया।

इस अवसर पर विद्यार्थियों ने राज्यपाल के साथ विश्वविद्यालय में आॅनलाइन शिक्षा और गतिविधियों के संबंध में अपने अनुभव भी साझा किए।

पंजीयक अक्षय सूद ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

Deepika Sharma

Related Articles

Back to top button
Close