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असर विशेष : गलियों के नहीं , आपके पालतू कुत्ते ज्यादा खतरनाक

इस बारे में क्या कहते है पद्म श्री , जानिए बंदरों और कुत्तों के काटने पर क्या करें.....

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क्या आप जानते है की आपकी गलियों में घूमने वाले कुत्तों में से आपके घर में पलने वाला पालतू कुत्ता ज्यादा खतरनाक है। कुत्तों के कांटे को लेकर हिमाचल के पद्मश्री सम्मानित डॉक्टर उमेश भारती का यह कहना है कि जो मामले अस्पतालों में आ रहे हैं उसमें सबसे ज्यादा मामले, घायल अवस्था में  वह लोग अस्पताल आ रहे हैं, जिन्हें उनके घर के पालतू कुत्ते ने काटा है। इन कुत्तों  ने  सबसे ज्यादा उनके परिवार के बच्चों को शिकार बनाया है।

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फिलहाल जो कुल आंकड़े अस्पतालों में आते हैं उसमें 70 फ़ीसदी से ज्यादा काटे हुए मामले घर के पालतू कुत्ते के सामने आ रहे हैं। इसे लेकर असर टीम ने विशेषज्ञों से बात की तो उन्होंने सांफ कहा कि किसी जानवर की  बाइट को लेकर लापरवाही नहीं दिखानी चाहिए।

 

जैसा की हम सभी को पता है कि राजधानी शिमला में बंदरों और कुत्तों का आतंक बढ़ रहा है।ऐसे में लोगों के मन में भय पैदा हो गया है, लेकिन इसे अनदेखा ना करें। स्वास्थ्य विभाग ने कुत्ता व बंदर काटने से होने वाले रोगों से बचाव के लिए प्रत्येक जिला अस्पताल, मेडिकल कालेज व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर वैक्सीन की व्यवस्था की है। 

 

बंदर के काटने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। डॉक्टर उस घाव की जांच करता है और आवश्यक इलाज तथा इंजेक्शन देता है। डॉक्टर के पास पहुंचने से पहले भी प्राथमिक उपचार किया जा सकता है।

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 बंदर काट ले तो सबसे पहले काटे गए स्थान को तुरंत पानी व साबुन से अच्छी तरह धो देना चाहिए।जिस व्यक्ति को बंदर काट ले, उसे एंटी रेबीज वेक्सीन लगाना आवश्यक है। चिकित्सकों के मुताबिक अगर कुत्ता या बंदर टांग के ऊपरी हिस्से में काटता है तो इलाज फौरन मिलना चाहिए, वर्ना रेबीज के फैलने की संभावना ज्यादा रहती है। 

 

रिपन अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ रमेश चौहान ने बताया किआमतौर पर लोगों को केवल इस बात की जानकारी होती है कि कुत्ता काटे तो क्या करना है। उन्हें यह पता है कि रेबीज का इन्जेक्शन लगाना जरूरी है ।

 

पिछले 2 दिन पहले शोघी में भी एक महिला को बंदर ने काटा है महिला का नाम हिमांशु बंसल उम्र 31 साल है उनसे बात करके पता चला कि बंदर के कांटे ही उन्हें नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र,शोघी में उपचार के लिए ले जाया गया सबसे पहले उन्हें टेटनेस का इंजेक्शन लगाया गया, उसके बाद उन्हें एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगाया गया ।

घायल…हिमांशु

कई लोग बंदर के काटने पर ही उसका उपचार करवाते हैं, यदि उसका नाखून लगे तो उसे अनदेखा कर देते हैं।इससे उन्हें आने वाले समय में काफी दिक्कतें आ सकती है। इसलिए इसे अनदेखा न करें।

 

असर टीम से भारती…..

Deepika Sharma

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