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ख़ास खबर: स्पेशल फोर्स पैरा कमांडो(सेवानिवृत्त) ने ऐसे खोले खुम्ब विकास योजना से स्वरोजगार के द्वार

हिमाचल खुम्ब विकास योजना से खुले स्वावलंबन के दरवाज़े

 

प्रदेश की आर्थिकी को सुदृढ़ बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे ऊर्जा, पर्यटन, उद्योग, बागवानी सहित अनेक क्षेत्रों में राज्य सरकार द्वारा कई प्रभावी योजनाओं का सफल कार्यान्वयन किया जा रहा है। हिमाचल सरकार के मुताबिक इन योजनाओं के माध्यम से न केवल लाभार्थियों को स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं बल्कि वह क्षेत्र की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में महत्त्वपूर्ण योगदान भी दे रहे हैं।

 

राज्य सरकार की महत्त्वकांक्षी हिमाचल खुम्ब विकास योजना के तहत खुम्ब उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा खुम्ब उत्पादन इकाई लगाने तथा खुम्ब उगाने के लिए खाद इकाई स्थापित करने पर उपदान दिया जा रहा है। इस योजना के तहत 6.30 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके हैं।

 

जिला सिरमौर स्थित बिरला गांव के निवासी बिशन दास ने अक्टूबर, 2018 में भारतीय सेना की स्पेशल फोर्स पैरा कमांडो से सेवानिवृत्त होने के बाद हिमाचल खुम्ब विकास योजना के तहत खुम्ब उत्पादन इकाई स्थापित कर स्थानीय युवाओं को घर-द्वार पर ही रोजगार के अवसर उपलब्ध करवा कर एक मिसाल कायम की है।

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बिशन दास ने बताया कि जब वह सेना से सेवानिवृत हो रहे थे तब उनके मन में विचार आया कि क्यों ना कोई ऐसा कार्य किया जाए, जिससे न केवल उन्हें बल्कि स्थानीय युवाओं को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकें। इसके लिए उन्होंने खुम्ब उत्पादन इकाई लगाने का निश्चय किया। सर्वप्रथम उन्होंने उद्यान विभाग के माध्यम से धौलाकुआं में खुम्ब उगाने का 25 दिन का प्रशिक्षण प्राप्त किया। उसके पश्चात अपने गांव बिरला में एक छोटी खुम्ब इकाई स्थापित की, जिसमें उन्होंने 500-500 बैग के तीन यूनिट स्थापित किए। इन इकाइयों को सफलतापूर्वक चलाने के बाद उन्होंने मोगिनंद में 25000 बैग की बड़ी इकाई स्थापित की। इसके लिए उन्हें उद्यान विभाग से हर सम्भव मदद प्राप्त हुई। उन्होंने कम्पोस्ट इकाई स्थापित करने के लिए 17 लाख रुपये तथा उत्पादन इकाई स्थापित करने के लिए यूको बैंक से 65 लाख रुपए का ऋण प्राप्त किया, जिसके उपरांत उन्हें प्रदेश सरकार की ओर से 8-8 लाख रुपये की उपदान राशि प्राप्त हुई।

 

बिशन दास ने मार्च, 2021 में अपना यूनिट स्थापित करना शुरू किया जो कि अगस्त माह में बनकर तैयार हो गया तथा अक्टूबर, 2021 से प्लांट में खुम्ब का उत्पादन आरंभ हो गया। अब वह प्रतिमाह 20 से 30 टन खुम्ब का उत्पादन कर सभी खर्चों को निकालकर 3 से 4 लाख रुपए की आय अर्जित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह अपने उत्पाद को चंडीगढ़, अंबाला के अतिरिक्त स्थानीय बाजार में भी बेच रहे हैं और अपनी इकाई में उन्होंने 30 स्थानीय लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करवाया है।

 

प्रदेश सरकार द्वारा जिला सिरमौर में 116 लाभार्थियों को खुम्ब उत्पाद इकाइयां स्थापित करने के लिए 1 करोड़ 41 लाख 55 हजार रुपये की सहायता प्रदान की गई है।

 

Deepika Sharma

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