हैरानी: बिजली का काम और कर्मचारी को भेज देते हैं अकेला
हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड तकनीकी कर्मचारी संघ ने उठाया मुद्दा
हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण कपटा एवं प्रदेश महामंत्री श्री नेक राम ठाकुर ने संयुक्त वक्तव्य में कहा है कि जो दुर्घटना आनी मंडल के अंतर्गत जगातखाना उपमंडल में हुई है, जिसमें भूपेश कुमार टी मेट दुर्घटना का शिकार होकर शहीद हो गए, तकनीकी कर्मचारी संघ शहीद हुए कर्मचारी के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है, तथा अपनी गहरी संवेदना प्रकट करता है । दोनों पदाधिकारियों ने कहा है कि इस संदर्भ में तकनीकी कर्मचारी संघ ने बार-बार बोर्ड प्रबंधन वर्ग व प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर मांग की है कि किसी भी कर्मचारी को कार्य करने के लिए अकेला ना भेजा जाए तथा यदि किसी कारणवश कोई कर्मचारी दुर्घटना का शिकार होता है तो उसकी निष्पक्ष जांच के लिए एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ कमेटी का गठन किया जाए ताकि इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए गंभीरता से प्रयास किए जाएं ।क्योंकि देखने में आया है कि बिजली बोर्ड प्रबंधन व सरकार भी बिजली बोर्ड के कर्मचारियों की दुर्घटनाओं के प्रति गंभीर नहीं है ।जबकि बिजली बोर्ड का तकनीकी कर्मचारी हिमाचल प्रदेश के 24 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को सुचारू रूप से विद्युत आपूर्ति देने के लिए स्टाफ की कम संख्या के होने के बावजूद भी दिन रात मेहनत करता है । अपनी जान को भी जोखिम में डालकर विद्युत सप्लाई को सुचारू रूप से चला रहा है, मगर दुख की बात यह है कि बिजली बोर्ड प्रबंधन और विशेषकर जो फील्डों के अधिकारी बिजली बोर्ड में कार्य कर रहे हैं वह इन विषयों को गंभीरता से नहीं लेते हैं । वह सारे कार्य तकनीकी कर्मचारियों के ऊपर छोड़कर दफ्तरों में बैठकर बिजली बोर्ड के कार्य को चलाने का काम करते हैं, जो की बहुत ही दुखद है । पूरे प्रदेश में लगातार हो रही इस प्रकार की दुर्घटनाओं से बिजली बोर्ड के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर एक बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है । क्योंकि इससे पूर्व भी लगभग 40 वर्षों से बिजली बोर्ड में कार्यरत तकनीकी कर्मचारी पूरे प्रदेश में अपनी सेवाएं दे रहा है । उस समय ऐसी दुर्घटनाएं बहुत कम होती थी , जबकि उस समय खुद विद्युत बोर्ड के कर्मचारी चाहे नए पावर हाउस निर्माण हो , नई लाइनों का निर्माण सभी कार्यरत तकनीकी कर्मचारियों ने किया है। मगर हाल ही के कुछ वर्षों में दुर्घटनाओं का यह सिलसिला बहुत बढ़ गया है जो थमने का नाम नहीं ले रहा है , इसके पीछे समय पर भर्ती न होना , सही गुणवता के सुरक्षा उपकरण की अनिवार्यता सुनिश्चित करना व अन्य कारण भी शामिल है, जिनका पर्दाफाश करना पड़ेगा। इसका बिजली बोर्ड के अधिकारियों की व्यवस्था पर पकड़ ना होने का भी एक बहुत बड़ा कारण है। तकनीकी कर्मचारी संघ बार बार प्रबंधन से वार्ता के दौरान, सरकार और बोर्ड प्रबंधन को ये मांग कर रहा है की तकनीकी कर्मचारियों पर काम का बहुत अधिक बोझ है इसके लिए समय समय पर भर्ती की जाए इसको सरकार ने आधिकारिक तौर पर माना भी है और सर्विस कमिटी में भर्ती की अप्रूवल भी मिल गई है परंतु उसके बावजूद प्रबंधन के ढील मूल रवेये के कारण अभी 2 महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद भी भर्ती प्रक्रिया आरंभ नहीं हो सकी है । बोर्ड प्रबंधन की तकनीकी कर्मचारियों के प्रति अनदेखी और लेट लतीफी वाली कार्यप्रणाली को बिलकुल सहन नहीं किया जाएगा ।
वार्ता से अगर बात नहीं बनती है तो आंदोलन का रास्ता ही चुना जाएगा और आर पार की लड़ाई लड़ने में मजबूर होगा । लेकिन संघ इस प्रकार अपने कर्मचारियों को दुर्घटनाओं का शिकार होते देख चुप चाप नहीं बैठेगा ।
फील्ड अधिकारी अपने उच्च अधिकारियों को खुश करने और अपनी वाहवाही के लिए छोटे अधिकारियों और तकनीकी कर्मचारियों पर दबाव बनाता है और दुर्घटना होने पर उन्ही पर गाज गिराई जाति है ।
बोर्ड प्रबंधन हर बार तकनीकी कर्मचारी संघ के साथ वार्ता के दौरान माना है की तकनीकी कर्मचारी को अकेले कार्य पर नहीं भेजा जाएगा परन्तु राजनीतिक दबाव में मामला दबा दिया जाता है । तकनीकी कर्मचारी संघ ने बोर्ड प्रबंधन से यह भी मांग की है जितने भी लोग जो दुर्घटना का शिकार हुए हैं उनकी सब की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करें भविष्य में इस प्रकार की दुर्घटना न हो इसके लिए उचित कदम उठाएं अन्यथा तकनीकी कर्मचारी संघ पूरे प्रदेश में इसके खिलाफ एक बड़ा आंदोलन खड़ा करेगा , जिसमें आम जनमानस को भी सम्मिलित किया जाएगा क्योंकि यह सिर्फ तकनीकी कर्मचारियों का ही मसला नहीं है आम लोगों से भी जुड़ा हुआ एक बहुत संवेदनशील मुद्दा है । जिस पर सरकार को भी सही दिशा निर्देश अधिकारियों को देने होंगे वह साथ ही किसी भी कर्मचारी को अकेला कार्य करने के लिए बाध्य ना करने के लिए निर्देश देने होंगे। क्योंकि देखने में आ रहा है कि कई मंडलों में बहुत से तकनीकी कर्मचारी दफ्तरों में कार्य कर रहे हैं और उन मंडलों के अधिकारियों ने झूठे शपथ पत्र बिजली बोर्ड प्रबंधन को सौंपे हैं कि हमारे दफ्तर में कोई भी कर्मचारी काम नहीं कर रहा है ।जिसके सबूत तकनीकी कर्मचारी संघ के पास हैं आने वाले समय में उन अधिकारियों का पर्दाफाश किया जाएगा । विद्युत बोर्ड प्रबंधक वर्ग से मांग करता है कि जब भी फील्ड में कोई भी ब्रेकडाउन हो तो जितनी जिम्मेवारी तकनीकी कर्मचारी है उतनी ही जिम्मेवारी दफ्तर में बैठे अधिकारी की है । बोर्ड प्रबंधक फील्ड अधिकारियों को यह निर्देश जारी कर दफ्तर में बैठे अधिकारियों की जिम्मेवारी सुनिश्चित करें।तकनीकी कर्मचारी संघ की पूरी राज्य कार्यकारिणी ने दुर्घटना का शिकार हुए इस कर्मचारी के शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है।

