
मुसीबत में दिल; भाग दो
हिमाचल के दिल के रोगियों के लिए काफी बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है जिसका खामियाजा भविष्य में बहुत ही भयंकर होने वाला है। प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में हार्ट सर्जरी फिलहाल बंद हो गई है । यह दिक्कत हिमाचल की सबसे बड़े और पुराने मेडिकल कॉलेज में सीटीवीएस विभाग झेल रहा है।

कारण यह बना है कि अस्पताल में परफ्यूशनिस्ट के दोनों पद खाली है। रेगुलर तौर पर कोई भी इस पद की जिम्मेदारी कोई नहीं ले पा रहा है।
जब आईजीएमसी के पास परफ्यूशनिस्ट ही नहीं है तो हार्ट लंग की मशीन आखिर कौन चलाएगा? गौर हो कि इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज के सीटीवीएस विभाग में परफ्यूशनिस्ट का काम एक नियमित स्तर पर नहीं चल पा रहा है ।
फिलहाल आईजीएमसी में जो परफुजनिस्ट का काम रहे है, उनसे आईजीएमसी में फिलहाल काम ही चलाया जा रहा है। गौर हो कि यह भी नियम के तहत इस पद के लिए पूरी तरह योग्य नहीं है बल्कि उन्होंने परफ्यूशनिस्ट की ट्रेनिंग की है वह अवकाश पर है लिहाजा अस्पताल में हार्ट सर्जरी नहीं हो पा रही है।
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क्या काम है परफ्यूशनिस्ट का
। परफ्यूशनिस्ट का काम यह होता है कि जब मरीज का हार्ट का ऑपरेशन किया जाता है तो वह हार्ट लंग मशीन को चलाता है ।यानी कि उस मशीन में वह दिल को वह तमाम चीजें मुहैया कराता है जिससे दिल धड़कता रहे।
अब हैरानी है कि इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में आखिर ऐसा क्यों हो रहा है कि परफ्यूशनिस्ट के दो पद है ।और इसे नियमित तौर पर इसे भरा नहीं जा पा रहा है। सूचना है कि इस दौरान एक नर्सिंग ट्यूटर ने भी इस का कोर्स किया था लेकिन उसकी सेवाएं भी आईजीएमसी लेने में असमर्थ साबित हुआ है । जब हाथ काट कर चले जाते हैं तो अस्पताल के हार्ट बायपास सर्जरी नहीं हो पाती है।
उठे सवाल
अब सवाल यह भी उठ रहा है कि स्वास्थ्य चिकित्सा जगत में आखिरी विभाग में परफ्यूशनिस्ट के पद क्यों नहीं भरे जा रहे औ। फिलहाल इन पदों को भरे जाने में प्रशासन इतनी सुस्ती क्यों बरत रहा है?
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हर 10 मरीजों में से दो को पड़ जाती है सर्जरी की जरूरत
दिल के रोगियों का ग्राफ बढ़ रहा है अस्पताल की कार्डियोलॉजी विभाग की ओपीडी के साथ सीटीवीएस विभाग की ओपीडी में भी मरीजों का काफी रश रहता है। कुल मरीजों में से यदि 10 हार्ट प्रॉब्लम रहती है तो उसमें 2 को सर्जरी की हिदायत दी जाती है जिसमें बाईपास सर्जरी ही दिल को स्वस्थ रखने का एकमात्र साधन में रहता है। यदि ऐसी ही दिक्कत आईजीएमसी में बनी रही तो हार्ट के मरीजों के लिए काफी बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है।

आईजीएमसी में परफ्यूशनिस्ट की कमी है। पदों को भरने पर काम किया जा रहा है।
डॉ रजनीश पठनीया
डीएमई, हिमाचल




