नाखुश हुए कर्मचारी…..बजट में मिला झुनझुना

हिमाचल प्रदेश सरकार के बजट में कर्मचारियों की मांगों पर कोई भी स्वीकृति या घोषणा न होने पर कर्मचारियों में खासा रोष है। अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के जलशक्ति विभाग से प्रदेशाध्यक्ष एल0ड़ी0 चौहान ने कहा कि इस बजट से प्रदेश के लगभग ढाई लाख कर्मचारियों की उम्मीदों पर पानी फिरा है । कर्मचारियों को पिछले वर्ष से फ्रीज किये गए महंगाई भते की किश्ते जारी होने की आस , केंद्र के सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें सीधे तौर पर प्रदेश में जारी होने की आस, एन0पी0एस0 पर अपंगता व मृत्यु की स्तिथि में केंद्र की वर्ष 2009 की अधिसूचना को लागू करने की उम्मीद, पेंशन पर वादा अनुसार कमेटी बनाने की उम्मीद सहित अनुबंध व दिहाड़ीदार के नियमितीकरण हेतु कार्यकाल कम करने की उम्मीद, आउटसोर्स कर्मियों हेतु सशक्त नीति बनाने की उम्मीद व करुणामूलक मामलों पर एकमुश्त छूट के तहत आवेदकों को रोजगार प्रदान करने की उम्मीद सहित जलरक्षको, पैरा फिटरो व ऑपरेटरों को 8 साल बाद नियमितीकरण की आस थी।
एल ड़ी चौहान ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी ने उनके सहयोगी संगठन सीमित सीधी भर्ती कर्मचारी संघ की उस मांग को पूरा किया है जिसमे हर विभाग के बाहरवी उतीर्ण चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को एल0ड़ी0आर0 के तहत जूनियर आफिस असिस्टेंट पर पदोन्नति बारे नियमो में स्वीकृति की मांग की गई थी, इस मांग को बजट में पूरा कर लिया गया है जिसके लिए संघ माननीय मुख्यमंत्री जी का आभार प्रकट करता है । जिन मुद्दों को तरजीह नही दी गयी वो अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दे है, प्रदेश सरकार को शीघ्र इनको पूरा करना होगा अन्यथा कर्मचारी रोषपूर्ण तरीके से सड़कों पर उतरने को मजबूर हो जाएंगे। शीघ्र पेंशन बहाली सँयुक्त मोर्चा हिमाचल प्रदेश (PRUFHP) के बैनर तले अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के साथ मिलकर इग्नोर किये जा रहे कर्मचारियों व उनके मुद्दों को लेकर माननीय मुख्यमंत्री, मुख्यसचिव सहित अतिरिक्त मुख्यसचिवो से उच्चस्तरीय मुलाकात की जाएगी, जिसमे कर्मियों के रोष व हालातो को तथ्यों के साथ उनके समक्ष रखा जाएगा।
एक बेहतर एसोसिएशन के उसूल व नियमानुसार वार्ता के साथ मुद्दों को हल करवाने का प्रयास होगा। विरोध प्रदर्शन का रास्ता महासंघ का अंतिम हथियार होगा और जब PRUFHP विरोध प्रारंभ करेगा उसके बाद मोर्चा वर्तमान सरकार के समक्ष कभी भी ज्ञापन लेकर नही जाएगा ,
मोर्चा को पूर्ण उम्मीद है कि सरकार हमे विरोध करने के लिए मजबूर नही करेगी ।
