खास खबर : कैसे होगा शिक्षा का विस्तार, स्कूलों की कमान संभालने वाले प्रिंसिपल के कई पद खाली
जल्द जारी हो प्रधानाचार्य की सूची

हिमाचल के स्कूलों में शिक्षा का विस्तार कैसे होगा, जब स्कूलों की कमान संभालने वाले प्रिंसिपल के पद काफी समय से खाली चल रहे होंगें।
हिमाचल प्रदेश प्रवक्ता संघ के प्रदेश अध्यक्ष केसर सिंह ठाकुर, महासचिव संजीव ठाकुर, मुख्य प्रेस सचिव प्रेम शर्मा, शिमला जिला प्रवक्ता संघ अध्यक्ष अध्यक्ष अजय नेगी, सोलन जिला अध्यक्ष चन्द्र देव ठाकुर, सिरमौर जिलाअध्यक्ष सुरेंद्र पुंडीर, बिलासपुर के प्रधान नरेश ठाकुर, हमीरपुर के प्रधान अनिल कुमार, मण्डी जिला अध्यक्ष राजेश सैनी , काँगड़ा जिला अध्यक्ष हर्ष वर्धन राणा, ऊना जिला अध्यक्ष संजीव पराशर ,चम्बा जिलाअध्यक्ष दीप सिंह खन्ना, कुल्लू जिला अध्यक्ष नरेंद्र पाल , किनौर जिला अध्यक्ष ने जारी एक प्रेस बयान में बताया कि विद्यालय में प्रधानाचार्य के पद खाली होने के कारण स्कूलों में विभिन्न प्रकार की प्रशासनिक वित्तीय तथा पठन पाठन से सम्बंधित की समस्या पैदा होती है। प्रधानाचार्य के पदों के खाली होने के कारण प्रधानाचार्य के कार्य को वरिष्ठ प्रवक्ताओं द्वारा पूरा करना पड़ता है जिसके कारण की उनके अपने विषयों की पढ़ाई बाधित होती है
लोग पदोन्नति का अर्थ ऐसे कार्य-परिवर्तन से लगाते हैं, जिसके फलस्वरूप किसी कर्मचारी की आय अथवा वेतन में वृद्धि हो जाये, परन्तु एक ही कार्य पर रहते हुए यदि कर्मचारी को अधिक वेतन दिया जाये तो इसे पदोन्नति नहीं कहा जा सकता। यह तो मात्र वेतन-वृद्धि होगी। पदोन्नति का सम्बन्ध अनिवार्य रूप से वेतन-वृद्धि से नहीं है। बल्कि इसका सम्बन्ध पद की प्रतिष्ठा एवं उत्तरदायित्व या अधिक कुशलता से है।इस प्रकार पदोन्नति, पद, स्तर सम्मान में वृद्धि एवं योग्यता के आधार पर आगे बढ़ना है। इस प्रकार पदोन्नति, पद, स्तर सम्मान में वृद्धि एवं योग्यता के आधार पर आगे बढ़ना है। पदोंन्नती से कर्मचारी के कार्य में निश्चित रूप से कुशलता आती है वो एक नये जोश, जजबे और अधिक जिम्मेबारी से करता है अभी है संघ के प्रवक्ताओं कों प्रधानाचार्य कें रूप में पदोंउन्नत होने कें लियें बाईस -बाईस वर्षो का इंतजार करना पड़ता हें !पिछले एक वर्ष से प्रधानाचर्य की पदौन्नतिया नहीं हो रही ऐसे में कितने हि प्रवक्ता जो अपने सेवाकाल के अंतिम पड़ाव में हें और अब बिना पदोंउन्नति के ही सेनानवृत हो रहे है दूसरा पदोन्नति कोटा न बढ़ने से प्रवक्ताओं को पदोन्नति के उचित अवसर प्राप्त न होने के कारण बहुत सारे प्रवक्ता बिना प्रधानाचार्य बने ही सेवानिवृत हो रहे है !वर्तमान में प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में प्रधानाचार्य के 350 से ज्यादा पद रिक्त चल रहे है प्रवक्ता संघ ने सरकार से मांग की है कि प्रधानाचार्य पदोन्नत की सूची अविलंब शीघ्र जारी की जाये
इसके अतिरिक्त संघ ने सरकार से वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांग उठाई पंजाब के पांचवें वेतन आयोग जो कि जनवरी 2006 से लागू है ,उसमें प्रवक्ताओं का न्यूनतम वेतन 12090 + 4200 = 16290 था लगभग 10 साल तक तो सरकार हिमाचल सरकार ने यही वेतन दिया । लेकिन 2016 में जब नया स्केल आना था तब सरकार ने इसे कम कर दिया और 10300+4200=14500 देना शुरू कर दिया ,यह परिवर्तन पंजाब में नहीं हुआ ,लेकिन सिर्फ हिमाचल में हुआ जहां 10 साल के बाद वेतन बढ़ना चाहिए था , हिमाचल सरकार ने उसे कम कर दिया । संग सरकार से मांग करता है कि पंजाब की तर्ज पर ही हिमाचल सरकार कर्मचारियों का वेतन निर्धारित करें। इसके साथ ही संघ ने यह मांग भी की है कि सरकार जल्द ही लगभग 6 साल से लंबित ने वेतन आयोग को लागू करे।


