EXCLUSIVE: संदिग्ध परिस्थिति में मिले बच्चे के अवशेष की प्राथमिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आई….
दो घंटे तक चला पोस्टमार्टम , मिले जानवर के बाल, विशेषज्ञों ने तांत्रिक का हाथ होने से किया इनकार

इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में आज डाउन डेल के पास संदिग्ध अवस्था मे मिले बच्चे के अवशेषों का पोस्टमार्टम किया गया है। 2 घंटे तक चले इस पोस्टमार्टम में फिलहाल प्राथमिक रिपोर्ट के मुताबिक यह साफ जरूर हो गया है कि किसी जानवर ने इस बच्चे को मारा है। फिलहाल इस केस को पहले किसी तांत्रिक से भी जोड़ा जा रहा था लेकिन अभी आईजीएमसी में हुए पोस्टमार्टम के प्राथमिक रिपोर्ट के मुताबिक संबंधित विशेषज्ञ इस बात को सिरे से नकार रहे हैं कि यह किसी तांत्रिक का काम हो सकता है क्योंकि
विशेषज्ञों से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक जो अवशेष पाए गए हैं उसमें बच्चे के सिर और जबड़े की हड्डी देखी गई है। इसके अलावा उक्त स्थानों से किसी जानवर के बाल भी देखे गए हैं जिसे आगामी जांच के लिए जुंगा लैब भेज दिया गया है। अब जुंगा लैब यह पुष्टि करेगी कि आखिर ये किस जानवर के बाल थे।जिसे उक्त बच्चे की हड्डियों के साथ देखा गया था

इसके साथ ही शव के अवशेषों में हड्डी को भी आगामी जांच के लिए डीएनए जांच के लिए भेजा गया है। हालांकि अभी पोस्टमार्टम के माध्यम से प्राथमिक रिपोर्ट तैयार कर दी गई है जिसमें यह भी जोड़ा गया है कि ये अवशेष किसी ताजा हादसे के ही अवशेष है। वहीं यह भी बताया गया है ये किसी बच्चे का ही अवशेष है और साथ में मिले जानवर के बाल से भी यह बताया जा रहा है कि यह हादसा किसी जानवर के द्वारा बच्चे पर हमले करने का हो सकता है। गौर हो कि केस में पुख्ता जांच और पुष्टि गत रिपोर्ट के लिए इसकी अंतिम जांच रिपोर्ट को बनने में अभी कुछ समय और लग सकता है क्योंकि आगामी जांच के लिए डीएनए रिपोर्ट और फॉरेंसिक लैब से रिपोर्ट आना बेहद जरूरी है ।
लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक यह साफ जरूर हो गया है कि फिलहाल यह किसी तांत्रिक का काम नहीं है। प्राथमिक रिपोर्ट को पुलिस प्रशासन के समक्ष सौंप दिया गया है लेकिन बनाई गई प्रारंभिक रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 3 माह पहले जिस तरीके से कनलोग से किसी बच्ची को जानवर द्वारा मारने का मामला देखा गया था उसी परिस्थिति में ही इस बच्चे का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला है। हालांकि केस के पुष्टिगत निर्णय तक पहुंचने के लिए उक्त इन दोनों रिपोर्ट का होना बेहद जरूरी है जिसके लिए जुंगा लैब और डीएनए रिपोर्ट का इंतजार करना पड़ेगा लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रारंभिक रिपोर्ट में यह जरूर साफ कर दिया है कि यह केस कानलोग सेे मिलता जुलता लग रहा है ।
जिसमें बच्चे के ताज अवशेष प्राप्त हुए हैं और उसके जबड़े की हड्डी भी यह बता रही है कि जिस बच्चे को जानवर द्वारा उठाए जाने के बारे में बताया जा रहा है यह वही बच्चा हो सकता है। बहरहाल अब आईजीएमसी भी डीएनए रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है। जिससे बच्चे की सही पहचान की जा सकेगी।




