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Asar EXCLUSIVE: हिमाचल की “9638 शिक्षण संस्थाएं “ टोबैको फ्री

हिमाचल ने पूरा किया ‘टोबैको-फ्री स्कूल’ मिशन का पहला पड़ाव : सभी जिलों ने पहला लक्ष्य हासिल किया, असर न्यूज़ की रिपोर्ट ने तेज़ किया अभियान

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शिमला। हिमाचल प्रदेश से बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा के मोर्चे पर एक बड़ी और राहत देने वाली खबर सामने आई है।  राज्य के सभी जिलों ने टोबैको फ्री अभियान के दौरान स्कूलों को ‘टोबैको-फ्री’ घोषित करने का पहला लक्ष्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।

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कुछ समय पहले तक कई जिलों की प्रगति बेहद धीमी थी, लेकिन असर न्यूज़ द्वारा इस मुद्दे को उजागर करने के बाद NHM ने सभी अधिकारियों को सख़्त निर्देश जारी किए, जिसके बाद काम ने ज़ोर पकड़ा और अब हिमाचल ने निर्धारित समय से पहले यह उपलब्धि हासिल कर ली है।ये लक्ष्य किन्नौर और लाहौल स्पीति को छोड़कर सभी ज़िलों के लिए 400 स्कूल का टारगेट था  जो पहला पड़ाव हासिल कर लिया गया है
जिलावार प्रदर्शन — किसने कितना किया काम
9 दिसंबर 2025 तक मिले आंकड़ों के अनुसार राज्य के जिलों ने इतनी संस्थाएँ ‘टोबैको-फ्री’ घोषित कीं:
कांगड़ा – 1892
सिरमौर – 1084
मंडी – 1041
ऊना – 888
बिलासपुर – 849
शिमला – 742
सोलन – 771
चम्बा – 661
हमीरपुर – 642
कुल्लू – 639
किन्नौर – 253
लाहुल–स्पीति – 176
इन आंकड़ों से साफ है कि राज्य के सभी जिलों ने बेहद तेजी से काम करते हुए अपने लक्ष्य पूरे कर दिए हैं।
असर न्यूज़ की रिपोर्ट का असर — प्रशासन तुरंत हरकत में आया
जब असर न्यूज़ ने यह मसला उठाया कि कई जिलों की गति धीमी है और लक्ष्य अधूरे हैं,
तभी—
✔ विभाग ने त्वरित समीक्षा की

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✔ अनुपालन रिपोर्ट तलब की गई
✔ स्कूल स्तर पर निरीक्षण बढ़ाए गए
इन प्रयासों का परिणाम अब साफ दिख रहा है—हिमाचल अब स्कूलों में तंबाकू-मुक्त वातावरण सुनिश्चित करने वाले राज्यों में अग्रणी बन गया है।

NHM की यह जीत अच्छे नेतृत्व की देन”
हिमाचल में टोबैको-फ्री स्कूल लक्ष्य का पूरा होना सिर्फ़ एक सरकारी सफलता नहीं, बल्कि मजबूत नेतृत्व का उदाहरण है।
एनएचएम निदेशक प्रदीप जी ने इस अभियान को बच्चों की सेहत से जुड़ा मिशन मानकर तेज़ फैसले लिए और जिलों को समयबद्ध तरीके से काम करने के लिए प्रेरित किया। उनकी सख़्त मॉनिटरिंग और स्पष्ट दिशा-निर्देशों ने पूरे सिस्टम में गति लाई।
दूसरी ओर, कार्यक्रम का संचालन देख रहे रविंदर जी ने चुपचाप लेकिन बेहद प्रभावी तरीके से अपनी भूमिका निभाई। जिलों के साथ लगातार संवाद, हर छोटी प्रगति पर फॉलो-अप और टीमों को उत्साहित रखने की उनकी शैली ने अभियान को मजबूत आधार दिया।

 

Deepika Sharma

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