IGMC में मेडिकल चमत्कार: 75 साल के बुज़ुर्ग के शरीर से फुटबॉल जितना बड़ा ट्यूमर निकाला —
लिवर और किडनी के दो कैंसर का एक साथ सफल ऑपरेशन

शिमला |
हिमाचल का सबसे बड़ा मेडिकल संस्थान IGMC शिमला एक बार फिर सुर्खियों में है। किन्नौर के 75 वर्षीय बुज़ुर्ग मरीज पर यहां ऐसा जटिल ऑपरेशन किया गया, जिसे देश के चुनिंदा बड़े संस्थान ही अंजाम दे पाते हैं। बुज़ुर्ग के शरीर में फुटबॉल के आकार का ट्यूमर पाया गया था—और वो भी एक नहीं…दो-दो जगह! एक लिवर में और दूसरा दाईं किडनी में।
मरीज की हालत क्या थी?
पेट में दर्द, चलने-फिरने में दिक्कत, भूख कम लगना—लक्षण मामूली लगे लेकिन CT स्कैन में सामने आई भयावह तस्वीर। डॉक्टरों ने पाया कि दो अलग-अलग जगहों पर कैंसर विकसित हो चुका है। उम्र 75 वर्ष, सांस की गंभीर समस्या, हाई ब्लड प्रेशर… ऐसे में ऑपरेशन जोखिम भरा नहीं, बल्कि जानलेवा चुनौती था।
6–7 घंटे की सांसें रोक देने वाली सर्जरी
IGMC की कैंसर सर्जरी टीम ने एक ही ऑपरेशन में
• Left Hepatectomy (लिवर का बायां हिस्सा)
• Right Radical Nephrectomy (दाईं किडनी)
निकालकर वह काम कर दिखाया जिसे मेडिकल साइंस में रैअर और हाई-रिस्क माना जाता है।
ट्यूमर का आकार फुटबॉल जितना बड़ा और वजन लगभग 3 किलो बताया गया।
ऑपरेशन में किन्होंने कमाल किया?
सर्जिकल टीम
-
डॉ. रश्मपाल ठाकुर (कैंसर सर्जन)
-
डॉ. पुनीत महाजन
-
डॉ. अंशु अटरी (सीनियर रेज़िडेंट)
एनेस्थिसिया टीम
-
डॉ. अजय सूद एवं टीम
लगातार 6–7 घंटे चली टीमवर्क और सटीक योजना ने इस ऑपरेशन को सफल बनाया।
कितना दुर्लभ केस था?
एक ही मरीज में दो अलग-अलग कैंसर सिर्फ 2–3% मामलों में पाए जाते हैं।
ऊपर से उम्र, सांस की समस्या, हाई BP… ये सब मिलकर इस ऑपरेशन को एक्सट्रीम हाई-रिस्क की श्रेणी में डालते हैं।
लेकिन AIIMS दिल्ली से सुपर-स्पेशलाइजेशन कर चुके डॉ. रश्मपाल ठाकुर ने अपनी टीम के साथ इसे सफल बनाकर हिमाचल के मेडिकल इतिहास में नया अध्याय जोड़ दिया।
मरीज 10वें दिन पूरी तरह स्वस्थ होकर घर भेज दिया गया—जो खुद एक बड़ी उपलब्धि है।
अब हिमाचल में ही मिलेगा देश-स्तर का कैंसर उपचार
IGMC कैंसर विभाग अब लगातार ऐसे जटिल ऑपरेशन कर रहा है जिन्हें पहले AIIMS या PGI रेफर किया जाता था।


