बड़ी खबर: DGP का अल्टीमेटम — “SPs फील्ड में दिखें… ऑफिस में नहीं!

हिमाचल पुलिस का कड़ा निर्देश: जिला स्तर पर अब दिखेगा मजबूत नेतृत्व
DGP अशोक तिवारी ने SPs को दिया अल्टीमेटम— “फील्ड में उतरकर नेतृत्व करें”
शिमला
हिमाचल प्रदेश पुलिस महानिदेशक (DGP) अशोक तिवारी ने राज्य के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों (SPs), उप पुलिस अधीक्षकों (SDPOs) तथा थाना प्रभारियों (SHOs) को जिला पुलिसिंग को सुदृढ़ बनाने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं।
उन्होंने कहा कि जिला पुलिसिंग ही हिमाचल पुलिस की वास्तविक नींव है और इसका मजबूत रहना अनिवार्य है।
डीजीपी तिवारी ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि जिला पुलिसिंग किसी भी स्तर पर कमजोर दिखाई देती है, तो इसकी पूर्ण जिम्मेदारी संबंधित जिला पुलिस अधीक्षक की होगी। उन्होंने कहा कि पुलिस नेतृत्व को कार्यालय तक सीमित रहने की बजाय फील्ड में उतरकर जनता के बीच दिखाई देना होगा।
उन्होंने कहा—
“SPs must lead from the front — not from offices. यह कोई सामान्य आदेश नहीं, बल्कि एक चेतावनी है।”
मुख्य निर्देश, जो तत्काल लागू होंगे:
1. जनता से सम्मानजनक व्यवहार
हर नागरिक के साथ शालीन, पेशेवर और संवेदनशील रवैया अपनाने पर जोर। SP, SDPO और SHO स्वयं उदाहरण स्थापित करेंगे।
2. ERSS–112 कॉल पर त्वरित व जवाबदेह प्रतिक्रिया
हर आपातकालीन कॉल पर समयबद्ध कार्रवाई और विस्तृत रिपोर्ट अनिवार्य। किसी भी देरी या लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा।
3. फील्ड में सक्रिय नेतृत्व
पुलिस अधिकारी क्षेत्र में नियमित निरीक्षण, जनता से संवाद और पुलिस प्रतिक्रिया की निगरानी स्वयं करेंगे। नेतृत्व अब मैदान में दिखेगा, केवल दफ्तर में नहीं।
डीजीपी ने कहा कि हिमाचल के लोग एक अनुशासित, विश्वसनीय और सक्रिय पुलिस व्यवस्था की अपेक्षा रखते हैं। जिला पुलिस इस अपेक्षा का सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ है। उन्होंने दोहराया कि जिला पुलिसिंग की अंतिम जवाबदेही एसपी पर ही होगी—“न कोई बहाना, न कोई ढील।”
हिमाचल पुलिस की प्रतिबद्धता
जवाबदेही
पेशेवर कर्तव्यनिष्ठा
समय पर प्रतिक्रिया
फील्ड-आधारित नेतृत्व
नागरिकों के प्रति विनम्रता एवं सम्मान
राज्य के सभी जिलों, सब-डिवीजन और पुलिस स्टेशनों में इन निर्देशों के अनुरूप मजबूत, प्रभावी एवं जनोन्मुख पुलिसिंग सुनिश्चित की जाएगी।



