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ALERT: फर्ज़ी “WhatsApp–CBI” गैंग पर CBI की सख़्त चेतावनी:

AI-डीपफेक के सहारे बढ़ रही ठगी, जनता सतर्क रहे

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शिमला | 3 दिसंबर 2025

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देशभर में तेजी से उभर रहे एक नए साइबर गिरोह को लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने बड़ी चेतावनी जारी की है। यह संगठित गैंग WhatsApp, वीडियो कॉल, ईमेल और फर्जी फोन नंबरों के जरिए खुद को CBI अधिकारी बताकर लोगों को डराता-धमकाता है और “जांच से बचाने” के नाम पर भारी रकम ऐंठ रहा है।

अपराधी अब AI तकनीक, डीपफेक आवाज, फर्जी समन, नकली गिरफ्तारी वारंट, बदले हुए ID कार्ड और स्पूफ्ड कॉलर ID का उपयोग कर ठगी को बेहद असली जैसा दिखा रहे हैं। अनजान लोग डरकर मिनटों में पैसे ट्रांसफर कर दे रहे हैं।


कैसे काम करता है फर्जी CBI गैंग?

पीड़ितों को निम्न तरह के डराने वाले संदेश भेजे जाते हैं—

  • “आप CBI जांच में हैं।”

  • “आपका बैंक खाता अपराध में शामिल पाया गया है।”

  • “गिरफ्तारी से बचना है तो तुरंत बात करें/पैसे जमा करें।”

अपराधी उपयोग करते हैं—
✔ AI से बनाए नकली CBI लेटरहेड
✔ फर्जी ID कार्ड व मुहर
✔ “CBI ऑफिस” दिखाने वाला स्पूफ्ड कॉल
✔ अधिकारियों की डीपफेक आवाज और वीडियो

डरावना माहौल बनाकर अपराधी पीड़ित से तुरंत पैसे ट्रांसफर करवाते हैं।


CBI का जनता के लिए साफ संदेश

  • ❌ CBI कभी WhatsApp पर नोटिस या समन नहीं भेजती

  • ❌ कोई भी CBI अधिकारी फोन पर पैसे नहीं मांगता

  • ❌ CBI गिरफ्तारी की धमकी देकर कोई कार्रवाई नहीं करता

CBI ने नागरिकों से अपील की है कि ऐसे किसी भी संदेश का जवाब न दें, किसी भी लिंक पर क्लिक न करें और तुरंत स्थानीय थाने या आधिकारिक नंबर पर मामला सत्यापित करें।

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विशेषज्ञ की चेतावनी | नरवीर सिंह राठौर, HPS

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, राज्य साइबर अपराध, शिमला एवं राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो

प्रसिद्ध साइबर अपराध अन्वेषक और गृह मंत्री पदक विजेता श्री नरवीर सिंह राठौर ने कहा—

“CBI बनकर किए जाने वाले ये धोखे सबसे खतरनाक साइबर अपराधों में से हैं। ठग डर का फायदा उठाते हैं और कई लोग मिनटों में अपनी बचत खो देते हैं।”

उन्होंने बताया कि अपराधी अब AI-जेनरेटेड समन, डीपफेक आवाज और VoIP नेटवर्क से बने फर्जी नंबरों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे आम नागरिकों के लिए असली-नकली का फर्क करना मुश्किल होता जा रहा है।

“कोई भी CBI, पुलिस या सरकारी अधिकारी ऑनलाइन पैसे नहीं मांगता। ऐसी कॉल आए तो तुरंत फोन काटें और 1930 पर शिकायत दर्ज करें। जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है।”

हिमाचल साइबर पुलिस ऐसे नेटवर्क पर लगातार निगरानी रख रही है।


किन लोगों को ज्यादा निशाना बनाया जा रहा है?

  • बुजुर्ग

  • अकेली महिलाएँ

  • छात्र

  • नौकरीपेशा लोग

  • डिजिटल जानकारी कम रखने वाले लोग

इस तरह की ठगी से देशभर में करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है।


जनता के लिए जरूरी सलाह

✔ संदिग्ध कॉल/संदेश की तुरंत रिपोर्ट करें
✔ स्क्रीनशॉट/रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखें
✔ 1930 — राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन पर तुरंत कॉल करें
www.cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें
✔ किसी भी धमकी भरी कॉल पर घबराएँ नहीं — पहले सत्यापन करें


Deepika Sharma

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