EXCLUSIVE: ….तो क्या किडनी स्टोन का इलाज ही नहीं कर पा रहा आईजीएमसी
दस दिन से महिला कैजुअल्टी में भर्ती, आज दे डाली छुट्टी, 7 माह से ऑपरेशन के चक्कर काट रहा दंपति

ढेरों नामी सर्जरी करने वाला आईजीएमसी एक महिला को किडनी के स्टोन से राहत देने में असमर्थ दिख रहा है। यह मामला सिरमौर का है और महिला आईजीएमसी के कैजुअल्टी में लगभग बीते 10 दिन से भर्ती है। जिसे आज शाम 7:00 बजे आनन-फानन में आईजीएमसी की कैजुअल्टी से छुट्टी दे दी गई है।
जानकारी के मुताबिक महिला के किडनी में स्टोन है और लगभग 7 माह से वह आईजीएमसी में महज इस बाबत चक्कर काट रही है कि उसकी पथरी की सर्जरी प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल का दर्जा लिए बैठे इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला में हो जाए। लेकिन अब परिस्थिति इससे बहुत ही उलट दिखने लगी है महिला को बीते 10 दिन से कैजुअल्टी में भर्ती तो किया गया है, लेकिन उसके टेस्ट पर टेस्ट करने के बावजूद भी उसकी सर्जरी नहीं हो पा रही है। इसे लेकर रिश्तेदार जितेंद्र ने इसकी गुहार आईजीएमसी के एम एस डॉक्टर जनक राज से लगाई है।
उनसे आग्रह किया गया है कि पहले तो महिला के टेस्ट पर टेस्ट किए गए लेकिन उसकी रिपोर्ट आने के लिए संबंधित प्रशासन ने यह कहा कि अभी तक इसकी रिपोर्ट नहीं आ पाई है ।बताया जा रहा है यह यूरिन टेस्ट है और लगभग 8 दिन से ज्यादा समय हो गया है और भर्ती महिला की यूरिन रिपोर्ट के अलावा कुछ अन्य रिपोर्ट नहीं आ पाई है। अब उसे अस्पताल की कैजुअल्टी से अवकाश दे दिया गया है
अब रिश्तेदार जितेंद्र का यह कहना है कि यदि सर्जरी बार-बार रुकी भी जा रही है तो इसके बारे में परिवार जन को सही तरह से प्रशासन नहीं बता रहा है। तीमारदारों ने यह भी हैरानी जताई है कि बार-बार ऑपरेशन के लिए बुलाने के बाद भी महिला को राहत प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल आखिर क्यों नहीं दे पा रहा है? IGMC के एमएस से तीमारदारों ने यह गुहार की है कि इस बारे में आईजीएमसी जांच करें।
आखिर प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल किडनी में पथरी का इलाज करने में क्या दिक्कत महसूस कर पा रहा है? रिश्तेदारों का कहना है कि यदि कोई परेशानी है तो इसके बारे में तीमारदारों को ना बताते हुए आनन-फानन में 10 दिन से भर्ती महिला को शाम 7:00 बजे अस्पताल की क्या जल्दी से छुट्टी दे दी गई?


