योग, ध्यान और आयुर्वेद ही स्वस्थ जीवन का आधार : निदेशक आयुष विभाग रोहित जमवाल

राजकीय कन्या महाविद्यालय शिमला में *स्वास्थ्य एवं पोषण में पारंपरिक ज्ञान* विषय पर “शिक्षक कौशल विकास कार्यक्रम” (FDP) का आयोजन महाविद्यालय के विज्ञान संकाय, होम साइंस,शारीरिक शिक्षा विभाग व हिमाचल प्रदेश के आयुष विभाग के संयुक्त तत्वाधान में 24 से 29 सितंबर 2025 तक सफलतापूर्वक किया गया।
महाविद्यालय प्राचार्या डॉ. अनुरिता सक्सेना की अध्यक्षता में हुए इस आयोजन के समापन अवसर पर आज बतौर
मुख्य अतिथि आयुष विभाग के निदेशक रोहित जमवाल ने शिरकत की। मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा स्वास्थ्य एवं पोषण में पारंपरिक ज्ञान हमारे पूर्वजों द्वारा विकसित और पीढियों से संचित ज्ञान है, जो हमारे स्वास्थ्य और पोषण को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । हमें इस ज्ञान को अपना कर अपने स्वास्थ्य और पोषण को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए। इसके साथ ही हम सभी को शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए अपने जीवन में योग व ध्यान अपनाना चाहिए। सप्ताह भर चले इस आयोजन में “स्वास्थ्य एवं योग” डॉ. अनीता गौतम वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, पोषण व एनीमिया विषय पर डॉ. विवेक शर्मा ने, युवावस्था में जीवन शैली से संबंधित मुद्दे पर डॉ. आशुतोष भारद्वाज ने और “आयुर्वेद एक संपूर्ण जीवन जीने की कला” पर डॉ गीतांजलि सूद ने इन विषयों पर इन विशेषज्ञों द्वारा विस्तृत जानकारी छात्राओं को दी गई।
इस दौरान नुक्कड़ नाटक, पोस्टर मेकिंग, स्लोगन राइटिंग आदि प्रतियोगिताएं भी करवाई गई और अव्वल आने वाली छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। सप्ताह भर सभी छात्राओं का और महाविद्यालय परिवार के सभी सदस्यों लिए सेनिटोरियम अस्पताल से आए चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य जांच शिविर भी चलता रहा। महाविद्यालय प्राचार्या ने अपने संबोधन में कहा की ये पोषण सप्ताह भी चल रहा है हम सभी को अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए अपने पारंपरिक खाद्यान्नों व जीवन शैली को अपने जीवन में अपनाना चाहिए और नई पीढ़ी को भी अपनाने के लिए प्रेरित करना होगा।

