“राधामय “ हुई पहाड़ों की रानी

भक्तों पर सदैव कृपा करने वाली कृष्ण की आद्या शक्ति, भक्ति की देवी, प्रेम की मूर्ति श्री राधा रानी का प्रकटोत्सव 31 अगस्त को मनाया जा रहा है l भाद्रपद माह केशुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा रानी का जन्मोत्सव मनाया जाता है l
राधा कृष्ण मंदिर के पुजारी उमेश चंद्र नौटियाल ने बताया कि 29 अगस्त से 31 अगस्त तक भजन कीर्तन का आयोजन किया जाएगा l इस दिन मंदिर में विशाल भंडारे का आयोजन भी है, उन्होंने बताया कि श्री जी को 56 भोग लगाए जाएंगे l
पंडित जी ने बताया कि श्रीजी तो अत्यंत करुणामयी सरकार है l जो अपने भक्तों पर सदैव कृपा करना ही जानती है l राधा रानी की पूजा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है l व्यक्ति को सुख समृद्धि, धन और ऐश्वर्या की प्राप्ति होती है l
राधा जी वृषभानु और कीर्ति माता की पुत्री थी l उनका जन्म बरसाना में हुआ था l राधा और कृष्ण का आदित्य प्रेम केवल लौकिक नहीं, बल्कि ईश्वर या प्रेम का प्रतीक है lपौराणिक कथाओं के अनुसार जो लोग राधा रानी को प्रसन्नकरते हैं, उनसे भगवान श्री कृष्ण प्रसन्न हो जाते हैं l राधा रानी केबिना भगवान श्री कृष्ण की पूजा भी अधूरी मानी जाती हैं l
राधा अष्टमी न केवल एक त्यौहार है बल्कि आत्मा और परमात्मा के प्रेम का उत्सव है l राधा रानी का स्मरण हमें सच्चे प्रेम, भक्ति और निस्वार्थ समर्पण का मार्ग दिखाता है l मथुरा और बरसना में राधाष्टमी बडे हर्षोल्लास से मनाई जाती हैंl हजारों की संख्या में श्रद्धालु श्री जी का गुण गान करते हुएनतमस्तक होते हैं और उनकी कृपा को प्राप्त करते हैं l
जसवीर सूद(डिंपल सूद)



