EXCLUSIVE: राष्ट्रीय पुस्तक मेले से भाषा अकादमी और विभाग का पुस्तक स्टॉल गायब
नगर निगम कर रहा है सहयोग
शिमला के गैटी थिएटर में राष्ट्रीय पुस्तक मेला लगा है लेकिन हैरानी है कि यहां पर ना तो भाषा विभाग का पुस्तकों का स्टाल है और ना ही भाषा अकादमी का स्टाल इधर लगा है।
इधर कई संस्थानों के पुस्तक स्टाल लगे हैं जिसमें पुस्तकों में खासी दिलचस्पी लेने वाले लोग काफी संख्या में आ रहे है ,लेकिन यह बात हैरान कर देने वाली है कि जब शिमला के आंगन में जो कार्यक्रम हो रहा है और नगर निगम भी उस में सहायता दे रहा है तो हिमाचल सरकार का अहम विभाग भाषा विभाग और संस्कृति अकादमी से नदारद क्यों नजर आ रहा है? पुस्तक मेला घूमने आए कई लोग यह पूछ रहे हैं कि यहां पर भाषा अकादमी और संस्कृति का पुस्तकों का स्टाल आखिर क्यों नहीं लगा है?
ओकार्ड इंडिया के संयोजक सचिन चौधरी ने जो प्रकाशकों की लिस्ट मीडिया से साझा की उसमें भाषा विभाग और हिमाचल अकादमी के नाम नहीं थे। पूछने पर उन्होंने बताया कि विभाग ने पुस्तक मेले में भाग लेने में कोई रुचि नहीं दिखाई। नतीजा यह हुआ है कि यहां पर एक आदमी का भी स्टॉल नहीं है और ना ही भाषा की भाषा पुस्तकों का स्टाल यहां लग पाया है। विभाग के बजाए यह मेला
शिमला निगम शिमला के सहयोग से किया जाना बड़ी बात है। नगर निगम चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने जो मैनिफेस्टो जारी किया था उसमें प्रमुखता से यह बात कही गई है कि शिमला में हर साल पुस्तक मेले का आयोजन किया जाएगा। लेकिन इस कार्यक्रम में भाषा विभाग ,अकादमी क्यों नदारद दिखा ।इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
ओकार्ड इंडिया दिल्ली (ओजस सैंटर फॉर आर्ट एण्ड रीडरशिप डवैल्पमैंट) शिमला नगर निगम के सहयोग से शिमला राष्ट्रीय पुस्तक मेले का आयोजन 24 जून से 2 जुलाई, 2023 तक कर रहा है। इस पुस्तक मेले में देश के विभिन्न भागों से प्रकाशक भाग ले रहे हैं जिनमें राष्ट्रीय पुस्तक न्यास(एनबीटी), राज कमल प्रकाशन, वाणी प्रकाशन, भारतीय ज्ञानपीठ, राधाकृष्ण प्रकाशन, लोक भारती प्रकाशन, किताबघर प्रकाशन, राजपाल एण्ड सन्स, आधार प्रकाशन प्रा0 लि0, सस्ता साहित्य मंडल, भारत सरकार का प्रकाशन विभाग, निखिल प्रकाशन, बिंब प्रतिबिंब प्रकाशन, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, भारतीय कला प्रशासन, पदम बुक कम्पनी, शिवांगी प्रकाशन, जीनियस हाइव पब्लिकेशन आदि शामिल है।
उन्होंने कहा कि ओकार्ड इंडिया दिल्ली (ओजस सैंटर फॉर आर्ट एण्ड रीडरशिप डवैल्पमैंट) देश की ऐसी अगणी संस्था है जो पुस्तक संस्कृति के प्रचार व प्रसार के लिए प्रतिबद्ध है। इस दृष्टि से ओकार्ड इंडिया देश के विभिन्न हिस्सों में पुस्तक मेले और साहित्यिक आयोजन करती आई है। ओकार्ड का मूल उद्धेश्य पाठकों विशेषकर युवाओं को साहित्य की और प्रवृत्त करना है। सचिन चौधरी ने आशा जाहिर की कि शिमला क्षेत्र के स्कूल, कोलेज और विश्वविद्यालय के अध्यापक, प्रध्यापक और छात्र इस राष्ट्रीय पुस्तक मेले का भरपूर आनंद लेंगे और पुस्तकें खरीद कर पुस्तक पढ़ने की संस्कृति को बढ़ावा देंगे। उन्होंने प्रदेश के शिक्षा विभाग और अन्य कार्यालयों से भी अनुरोध किया कि वे अधिक से अधिक शरीक होकर पुस्तक मेले की सफलता सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने यह जानकारी भी दी कि पुस्तक खरीद पर पाठकों को 10 प्रतिशत छूट भी दी जा रही है।


