EXCLUSIVE: महिलाओं के लिए चली ‘पिंक टैक्सी’ अब सड़क से गायब
क्यों नहीं चढ़ीं महिलाएं इस सुरक्षित सवारी में?

नहीं मिली सवारी , टैक्सी सेवा बंद
महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शिमला में एक नेक पहल की गई थी – महिलाओं के लिए विशेष ‘पिंक टैक्सी सेवा’। इस योजना को एक एनजीओ ‘द सोसाइटी फॉर कनेक्टिंग लाइव्स’ की अध्यक्ष बिमला ठाकुर ने शुरू किया था, लेकिन अब यह टैक्सी सेवा बिना महिला सवारी के बंद हो गई है।
पिंक टैक्सी की ड्राइवर भी महिलाएं थीं और इसकी सवारियां भी सिर्फ महिलाएं हो सकती थीं। सेवा रात में दिन में कम किराये पर थी । लेकिन शुरुआत के कुछ ही महीनों में ही स्थिति उलटी पड़ गई। मात्र एक कॉल अभी तक दर्ज की गई है
क्यों बंद हुई टैक्सी?
Ngo की पूर्व अध्यक्ष बीमला ठाकुर का कहना है —
“हर रोज़ टैक्सी खड़ी रहती थी, कोई महिला सवारी नहीं आती थी। कभी-कभी तो पूरा दिन निकल जाता और एक भी कॉल नहीं आती थी। अंत में हमें गाड़ी बंद करनी पड़ी।”
एनजीओ ने इस सेवा के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया भी तय की थी, और नगर निगम ने भी समर्थन किया था – फिर भी महिलाएं इस सेवा तक पहुंच नहीं बना पाईं।बताया जा रहा है कि इसे लेकर पहल HRTC ने भी शुरू की थी लेकिन वो भी सफल नहीं हो पाई थी
सवाल उठते हैं:
क्या महिलाएं वाकई टैक्सी को जरूरतमंद मानती हैं?
क्या प्रचार की कमी थी?
या फिर महिलाएं अब अपनी सुरक्षा को लेकर ज्यादा आत्मनिर्भर हो चुकी हैं?




