पर्यावरणविशेष

डॉ. सुदर्शना नेगी के नेतृत्व में छापेमारी, गुणवत्ताहीन दवाओं पर होगी सख्त कार्रवाई

केवल स्वीकृत दवाओं की बिक्री करें विक्रेता, नियम उल्लंघन पर रद्द होगा लाइसेंस

सेब बागवानों को मिलेगी गुणवत्ता की गारंटी, कीटनाशकों की सख्ती से जांच

26 जुलाई 2025, शिमला : उपनिदेशक, उधान विभाग, जिला शिमला, डॉ. सुदर्शना नेगी द्वारा आज कोटखाई एवं जुब्बल क्षेत्र में सेब की कीटनाशक दवाइयों की दुकानों पर औचक निरीक्षण एवं छापेमारी की गई।

इस दौरान संदेहास्पद कीटनाशक दवाइयों के गुणवत्ता परीक्षण हेतु नमूने लिए गए, जिन्हें पेस्टिसाइड्स टेस्टिंग लैब भेजा जाएगा। डॉ. नेगी ने स्पष्ट किया कि यदि कोई सैंपल परीक्षण में असफल पाया गया, तो संबंधित कंपनी के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

दवा विक्रेताओं को निर्देशित किया गया कि वे केवल बागवानी विभाग के स्प्रे शेड्यूल में अनुमोदित तथा केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड (CIBRC) द्वारा पंजीकृत कीटनाशकों की ही विक्री करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि लेबल क्लेम में जिस फसल का उल्लेख है, उन्हीं फसलों के लिए उपयोग की अनुमति हो।

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निर्देशों की अवहेलना करने की स्थिति में विक्रेता का लाइसेंस निरस्त किया जा सकता है।

 

निरीक्षण के दौरान पटसारी स्थित तांटा ब्रदर्स नर्सरी का भी निरीक्षण किया गया। उपनिदेशक डॉ. नेगी ने जिला शिमला के सभी अधिकारीगणों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्र में पंजीकृत कीटनाशक विक्रेताओं एवं नर्सरी उत्पादकों का नियमित निरीक्षण करें ताकि बागवानों को गुणवत्तायुक्त दवाइयाँ और फल पौध उपलब्ध हो सकें।

डॉ. नेगी ने कहा कि गुणवत्ता की गारंटी ही बागवानी को किसानों के लिए स्थायी आमदनी का माध्यम बना सकती है।

 

इस छापेमारी अभियान के दौरान जिला पौध संरक्षण अधिकारी डॉ. कुशाल सिंह मेहता, विषय विशेषज्ञ (उधान) कोटखाई डॉ. सुनील दत्त शर्मा, उधान विकास अधिकारी जुब्बल-कोटखाई डॉ. नवीन चलेन तथा उधान प्रसार अधिकारी डॉ. यशपाल पनाटू भी उपस्थित रहे।

Deepika Sharma

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