EXCLUSIVE : हिमाचल में 650 महिला सेक्स वर्कर ने पीछे छोड़ी अपनी पुरानी जिंदगी
बदलाव का कारण बनी हिमाचल एड्स कंट्रोल सोसायटी

परछाइयों से उजालों तक – हिमाचल की नई उम्मीदें
एक समय था जब इनकी पहचान समाज की परछाइयों में खो चुकी थी। इनके चेहरे पर अक्सर पर्दा होता, और आवाज़ें दब जातीं। लेकिन अब, वही महिलाएं हिमाचल की वादियों में आत्मनिर्भरता की मिसाल बनकर उभरी हैं
हिमाचल प्रदेश में लगभग 650 महिला सेक्स वर्कर्ज़ (Female Sex Workers) ने अब पुरानी ज़िंदगी को पीछे छोड़ दिया है। अब वे समाज में इज्ज़त और आत्मसम्मान के साथ एक नया जीवन जी रही हैं और उन्होंने ये कर दिखाया है एड्स कंट्रोल सोसाइटी के माध्यम से.. 
नई राह की शुरुआत
इन महिलाओं ने अब खुद का काम शुरू किया है — कोई सिलाई-कढ़ाई, कोई ब्यूटी पार्लर, कोई दुकानदारी, तो कोई पेपर बैग बनाना या अचार बनाना जैसे छोटे-छोटे काम से आत्मनिर्भर बनी हैं। ये बदलाव न केवल उनकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी को बल्कि समाज की सोच को भी बदल रहा है।
NGOs का सहयोग: बदलते भविष्य की चाबी
हिमाचल के विभिन्न जिलों में काम कर रही स्वयंसेवी संस्थाओं (NGOs) ने इस परिवर्तन में अहम भूमिका निभाई है। आइए नजर डालते हैं किन जिलों में कितनी महिलाएं अपने पांव पर खड़ी हुई हैं:
संस्था / ज़िला स्वरोज़गार शुरू करने वाली महिलाएं
Hamirpur 173
Kullu 120
Mandi 118
Solan 103
Bilaspur 88
Shimla 54
Shimla 42
Solan 40
Paonta Sahib 38
Chamba 12
इन आंकड़ों से साफ है कि बदलाव की लहर पूरे प्रदेश में फैल चुकी है।
कौन-कौन से काम में आगे बढ़ रही हैं महिलाएं?
Cutting & Tailoring (कटिंग और टेलरिंग): 104 महिलाएं
Beauty Parlour (ब्यूटी पार्लर): 14 महिलाएं
इसके अलावा कुछ महिलाएं सेल्स स्टाफ, कंप्यूटर, दुकानदार, पेपर बैग बनाना, अचार निर्माण, और स्वयं सहायता समूहों (SHG) से भी जुड़ी हैं।
एक महिला की कहानी
पहले मैं जो काम करती थी, वो मेरी मजबूरी थी। अब मैं अपने हुनर से कमाती हूं, मेरी खुद की पहचान है।नाम गोपनीय
अधिकतर महिलायें मजबूरी की सताई है किसी का पति बीमार तो किसी का परिवार ही नहीं..
(नाम गोपनीय)
समाज में बदलती सोच
ये महिलाएं अब किसी सहानुभूति की मोहताज नहीं है बल्कि समाज के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं। स्कूलों में इनके बच्चे पढ़ रहे हैं, घरों में रौनक है, और सबसे अहम ये है कि अब ये महिलाएं सम्मान से जी रही हैं।
बदलाव की रीढ़: हिमाचल एड्स कंट्रोल सोसाइटी
इस सामाजिक परिवर्तन के केंद्र में है — हिमाचल एड्स कंट्रोल सोसाइटी ने केवल इन महिलाओं को पुनर्वास का अवसर दिया, बल्कि उन्हें समाज की मुख्यधारा में सम्मानपूर्वक जीने का रास्ता दिखाया।
सोसाइटी के डायरेक्टर राजीव कुमार का विशेष योगदान उल्लेखनीय रहा है। उनके नेतृत्व में पूरी टीम ने संवेदनशीलता और योजनाबद्ध दृष्टिकोण के साथ यह सुनिश्चित किया कि केवल आज नहीं, बल्कि इन महिलाओं का भविष्य भी सुरक्षित हो।
इन्हें सिर्फ पुनर्वास नहीं किया, इन महिलाओं को एक नई पहचान और आत्मसम्मान देने का प्रयास किया है
— राजीव कुमार, निदेशक, हिमाचल एड्स कंट्रोल सोसाइटी



