ख़राब परीक्षा परिणाम के लिए केवल अध्यापक ही पूर्णतया जिम्मेवार नहीं

हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ जिला शिमला के प्रधान महावीर कैथला, महासचिव सुरेश सोनी, वित्त सचिव रमन वर्मा महिला विंग की अध्यक्षा इंदु कश्यप व संघ के अन्य, रणजीत शर्मा, अधिकारी विना वर्मा, हरनाम धर्मा, विनोद कैथला अनिल कुमार अशोक रेकता, सोहन लाल, रवी कैथला राजीव कुमार, इन्दर ठाकुर नरेंद्र वर्मा,मनोज धीमान, राकेश वर्मा,सुरेंद्र कौशल, दीक्षित शर्मा, सुमेश दिलवान राजेश ठाकुर, कमलेश शर्मा, भोम प्रकाश, दीपेश कुमार, दीपक राजदेव खुराना, संदीप शर्मा ने सयुंक्त ब्यान में कहा कि सरकार द्वारा स्कूल प्रवक्ता युक्तिकरण के लिए 1:100 का अनुपात तर्क संगत नहीं है, इसे नई शिक्षा नीति 2020 के तहत 1:30 रखना चाहिए!
साथ ही साथ मांग की है कि ख़राब परीक्षा परिणाम के लिए केवल अध्यापक को ही पूर्णतया जिम्मेवार नहीं ठहराया जा सकता, इसके लिये प्रत्यक्ष बहुत सारे कारणों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता!अतः वेतनवृद्धि रोकने जैसे सख्त निर्णय पर पुनः विचार करना चाहिए! सभी ने सरकार का ध्यान महंगाई भता व छटे वेतन आयोग के 2016 से लंबित एरियर की ओर आकर्षित किया है व शीघ्र भुगतान की मांग की है! संघ ने खेद जताया कि शिक्षा विभाग में हर वर्ष दो बार प्रत्येक वर्ग की पदोंन्नति सूची निकलती थी, परन्तु लगभग दो वर्षो से कोई सूची नहीं निकली इससे जहाँ अध्यापकों का मनोबल कम हुआ है वहीं बहुत सारे बिना पदोन्नति के सेवानिवृत हो गए, सरकार व विभाग को इन विषयों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए और अच्छा इतिहास बनाना चाहिए!संघ पूरी तरह से आश्वस्त है कि माननीय मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री इन सभी उपरोक्त विषयों पर व्यक्तिगत हसस्तक्षेप करेंगे!



