शिमला की बेटी दामिनी सिंह बरार ने रचा इतिहास, बिना कोचिंग के IIT PhD में ऑल इंडिया में टॉप रैंक

शिमला, संजौली: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली क्षेत्र की रहने वाली दामिनी सिंह बरार ने कड़ी मेहनत, आत्मविश्वास और संकल्प के दम पर वह कर दिखाया जो लाखों छात्रों का सपना होता है। बिना किसी कोचिंग और सीमित संसाधनों में रहकर उन्होंने IIT जैसे प्रतिष्ठित संस्थान की पीएचडी प्रवेश परीक्षा में ऑल इंडिया टॉप रैंक हासिल की है।
दामिनी ने IIT कानपुर की पीएचडी (मनोविज्ञान) प्रवेश परीक्षा में देशभर में पहला स्थान प्राप्त किया है। यह सफलता न केवल उनके आत्मबल और परिश्रम का प्रमाण है, बल्कि उन युवाओं के लिए प्रेरणा भी है जो संसाधनों की कमी के बावजूद बड़े सपने देखते हैं।
इतना ही नहीं, दामिनी ने IIT दिल्ली की पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में भी लिखित परीक्षा और साक्षात्कार दोनों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए चयन हासिल किया है। उन्होंने यह सिद्ध किया कि यदि लक्ष्य स्पष्ट हो और निष्ठा के साथ प्रयास किया जाए तो सफलता निश्चित है।
सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि दामिनी ने अपनी पूरी तैयारी स्व-अध्ययन (self-study) के माध्यम से की। उन्होंने किसी कोचिंग संस्थान की मदद नहीं ली, जिससे वे आज के प्रतिस्पर्धी समय में भी छात्रों के लिए एक आदर्श बन गई हैं।
अब दामिनी सिंह बरार देश के सर्वोच्च तकनीकी संस्थान IIT कानपुर से मनोविज्ञान में डॉक्टरेट की पढ़ाई करेंगी। उनकी यह उपलब्धि हिमाचल ही नहीं, पूरे देश के लिए गर्व की बात है।
दामिनी की सफलता कहानी इस बात की मिसाल है कि समर्पण, अनुशासन और आत्मविश्वास से किसी भी मंजिल को पाया जा सकता है।


