अध्यापकों की सेवनिवृति आयु 58 से बढ़ाकर 62 करने की भी मांग
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ की कार्यकारिणी गठित

हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ की राज्य कार्यकारिणी के चुनाव 25-05-2025 को सोलन जिला के आर्यन पब्लिक वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय झिरीवाला में संपन्न हुए थे | इन चुनावों में निर्वाचित राज्य कार्यकारिणी ने आज शिमला के प्रैस क्लब में एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया | वार्ता में उपस्थित प्रत्रकारों को सम्बोधित करते हुई नव निर्वाचित प्रदेशाध्यक्ष नरोत्तम वर्मा प्रदेश अध्यक्ष ने सर्वप्रथम महंगाई भत्ते पर चर्चा की और बताया कि राज्य सरकार के कर्मचारियों को अभी सिर्फ 42% महंगाई भत्ता दिया है जबकि केंद्रीय कर्मचारियों की दर 55% पहुँच चुकी है | संघ ने आगे कहा कि इसमें भी अभी 01-07 2022 से 31-03-2024 व 01-01-2023 से 30-09-2024 के एरियर की अदायगी शेष है | संघ ने आगे कहा कि सातवां वेतन आयोग कुछ महीनों पश्चात् आने बाला है जबकि हिमाचल के कर्मचारियों को पिछली सरकार के समय में मात्र 50,000 की राशि का भुगतान हुआ है | इस विषय पर संघ ने सरकार से आग्रह किया है कि वित्तीय प्रबंधन पर कार्य करके ये देनदारियां समय पर निपटा ली जाएं तो वेहतर होगा अन्यथा देनदारियां बढ़ती जाएंगी |
संघ ने सरकार से यह भी आग्रह किया कि शिक्षकों के सभी वर्गों की पदोन्नति सूची शीघ्र निकली जाए क्योंकि पादोन्नतियाँ लम्बे समय से नहीं हो पा रही हैं और जिस कारण सैंकड़ो अध्यापक पदोन्नति का लाभ लिए बगैर ही सेवनिवृत हो गए हैं | संघ ने हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की कार्यप्रणाली की भी निंदा की है और सरकार से आग्रह किया है कि बोर्ड में स्थाई अध्यक्ष की नियुक्ति की जाए | संघ ने कर्मचारिओं को देय विभिन्न भत्तों में संशोधन कर इन्हें पंजाब अथवा केंद्र की तर्ज़ पर देने का आग्रह किया है |
सरकार से यह भी आग्रह किया गया की शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा पर किया जाने वाला व्यय राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 6% किया जाए | शिक्षा की गुणवत्ता व सरकारी विद्यालयों में नामांकन बढ़ाने के लिए प्राथमिक विद्यालय स्तर पर हर कक्षा के लिए एक अध्यापक उपलब्ध करवाना सुनिश्चित किया जाए |
शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए संघ ने सरकार से मांग की कि अध्यापकों को गैर शैक्षिक कार्य न सौंपे जाए व विद्यालयों में नित नई-नई गतिविधियां करवाने पर भी रोक लगाई जाए क्योंकि ऐसी गतिविधियों को करवाने में बहुत समय बर्बाद होता है |
संघ ने पी.टी.एफ. के आंदोलनरत अध्यापकों से बार्ता करने का भी आग्रह किया है तथा उनके आंदोलन का भी समर्थन किया है क्योंकि यह उनका लोकतान्त्रिक अधिकार है |
संघ ने सरकार का ध्यान विद्यालयों में कार्यरत डी.पी.ई. अध्यापकों के दोहरे मापदंडों की ओर भी आकर्षित किया और कहा की समान कार्य करने व समान भर्ती नियमों के तहत नियुक्त अध्यापकों के दो अलग-अलग वर्ग बनाना ग़लत है अत: हम सरकार से आग्रह करते हैं कि सभी डी.पी.ई. अध्यापकों को नियमों में एक मुश्त राहत देते हुई सभी प्रकार के लाभ सहित प्रवक्ता स्कूल न्यू (शारीरिक शिक्षा) का पदनाम दिया जाए |
संघ ने यह मांग भी वार्ता के माध्यम से सरकार तक पहुँचाने का प्रयास किया कि सभी आउट सोर्सड अध्यापकों विशेषकर कंप्यूटर अध्यापकों जिनमें से कई सेवनिवृति की कगार पर हैं, को विभाग में समायोजन करने हेतू कोई ठोस नीति लाई जाए या इन्हें भी नियमों में छूट दे कर समायोजित किया जाए |
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ शिक्षा में गुणवत्ता व मानव संसाधनों के अनुकूलतम प्रयोग के सन्दर्भ में किए जाने वाले युक्तिकरण के मामले में हमेशा सरकार के साथ है पर 2025 में 2003 के नियमों को आधार मान कर युक्तिकरण सही नहीं है | अत: संघ मांग करता है कि यह युक्तिकरण राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के तहत की जाए | संघ ने यह भी मुद्दा वार्ता के माध्यम से सरकार के समक्ष रखा कि कर्मचारियों के अर्जित अबकाश को लेकर उनके खाते में जमा करने की 300+10 की जो शर्त लगा रखी है उसे हटा दिया जाए ताकि जरुरत के समय इसका प्रयोग किया जा सके | संघ प्रधानाचार्य के कार्यभार ग्रहण व त्याग से सम्बंधित 07-07-2023 के शिक्षा सचिव द्वारा जारी उस कार्यालय ज्ञापन को तुरंत प्रभाव से वापिस लेने की अपील करता है जिसमें प्रथम श्रेणी राजपत्रित अधिकारी को इस कार्य के लिए जिला शिक्षा उप निदेशक के कार्यालय के चकर लगाने को मजबूर किया गया है |
संघ ने अध्यापकों की सेवनिवृति आयु 58 से बढ़ाकर 62 करने की भी मांग की है क्योंकि अध्यापन के कार्य में लगे कुछ वर्ग की सेवनिवृति आयु 60 या इससे भी अधिक है | संघ उन संगठनों की गतिविधियों पर भी तुरंत प्रभाव से रोक लगाने की मांग करता है जो न तो कहीं पंजीकृत हैं और न ही किसी से उनकी कानूनी सम्बद्धता है, ये संगठन अपनी गतिविधियों के नाम पर अनेक रियायतें भी लेते हैं जिसे सरकारी पैसे, समय व विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है, | संघ के अध्यक्ष ने हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के नाम पर समानांतर गुट के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा समय-समय पर किए जाने वाले दुष्प्रचार को भी वार्ता के दौरान बखूबी उठाया, उन्होंने कहा कि अभी तक माननीय न्यायालय से जो भी फैसले आ रहे हैं वे एक पक्ष या दूसरे पक्ष को दिए जा रहे रिलीफ के नाम पर आ रहे हैं और वह व्यक्ति कोर्ट के समक्ष ग़लत तथ्य रख कर तथा सही तथ्यों को छीपा कर राहत लेने का नाकाम प्रयास कर रहा है और इस मुद्दे पर उसे कई बार मुँह की खानी पड़ी है | इसी प्रकार का मामला अभी माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है क्योंकि उस व्यक्ति ने जिला न्यायालय के एक निर्णय को जो उसके विरुद्ध आया है चुनौती दे रखी है | यहाँ एक बार फिर यह सपष्ट किया जाता है कि हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के दो धड़ो (नरेश महाजन और कैलाश ठाकुर ) का विलय हो चूका है और वर्तमान कार्यकारिणी के चुनाव संयुक्त रूप में संपन्न हुए | वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष के अलावा संघ के महासचिव संजीव ठाकुर, वित्त सचिव सतीश पुंडीर, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कैलाश ठाकुर व नरेश महाजन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष पंकज शर्मा व सुरेश नरयाल, विभिन्न जिला अध्यक्ष जिसमें हमीरपुर से राज पटियाल , शिमला के महावीर कैंथला, सिरमौर के हरदेव ठाकुर, मंडी के अश्वनी गुलेरिया, चम्बा के परस राम, काँगड़ा के नरेश धीमान, सोलन के गुरमेल चौधरी, चम्बा के महासचिव पवन वर्मा के अलावा रत्ती राम वर्मा, राकेश, मोहम्मद आरिफ, अजय शर्मा, देवेंदर सिंह, सुरेंदर चंदेल, ध्यान सिंह, वीरेंदर गुप्ता, अमर सिंह, श्याम लाल धीमान, रोशन लाल, रमेश कुमार, गुरदेव, दिनेश कुमार, अनुज कुमार, रमन कुमार, भास्कर आदि के अतिरिक्त राज्य व जिला कार्यकारिणी के अन्य पदाधिकारी भी विशेष रूप से उपस्थित रहे |
वार्ता के अंत में अध्यक्ष ने बताया कि संघ के पदाधिकारी आज माननीय मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री, शिक्षा सचिव व शिक्षा निदेशक से मिलेंगे तथा इन मुद्दों के समाधान हेतू विभाग व सरकार से आग्रह करेगा व उन्हें मांगपत्र का ज्ञापन सौपेगा




