EXCLUSIVE: आश्रम की होनहार बच्ची, नहीं दे पाई नवोदय की परीक्षा
समय पर नहीं भर पाया फॉर्म,बच्ची हुई मायूस

हिमाचल के एक आश्रम की एक होनहार बच्ची नवोदय की परीक्षा में महज़ इसलिए नहीं बैठ पाई क्योंकि उसका फॉर्म समय पर जमा नहीं हो पाया । अब गलती चाहे संबंधित प्रशासन की हो या उसके अभिभावक की लेकिन इस बीच मासूम बच्ची नवोदय का पेपर नहीं दे पाई । ये बच्ची आश्रम में रहती है और नवोदय की परीक्षा देना चाहती थी
कारण ये बना कि फॉर्म में बच्ची के अभिभावक की समय पर मंज़ूरी ही नहीं मिल पाई । बच्ची की माँ पढ़ी लिखी नहीं है उसे ग्यारह अप्रेल को फ़ोन आता है कि उसकी बेटी का कल पेपर है और माँ से ये पूछा जाता है कि आपको क्या ओटीपी तो नहीं आया ? बच्ची की माता का कहना है कि उसे कहा गया की अब आपकी बच्ची पेपर नहीं दे सकती है अब समय निकल गया है ।
उधर आश्रम प्रशासन का मानना है कि उसने बच्ची के अभिभावक को लगभग तीन चार बार फ़ोन किया था उस पर माता ने भी साफ़ किया है कि उसे सिर्फ़ ग्यारह अप्रेल को फ़ोन आया था इसके इलावा फ़ोन नहीं आया था ।
फ़िलहाल जो भी कारण रहा हो लेकिन इस असमंजसता के बीच एक होनहार बच्ची इस साल नवोदय की परीक्षा देने से चूक गई ।
इन बिंदुओं पर जाँच जरूरी और आगामी समय के लिए सतर्कता जरूरी
सवाल ये खड़े होते है कि जब आश्रम प्रशासन को मालूम था कि बच्ची होनहार थी तो उसका नवोदय का फॉर्म भरवाने के लिए कितनी समस्या अवधि पहले बच्ची की माता को बुलाया गया या उससे संपर्क करने की कोशिश की गई ?
बच्ची की माता पढ़ी लिखी नहीं है तो क्या उस फॉर्म को भरने के लिए आश्रम प्रशासन स्वयं ज़िम्मेदारी नहीं ले सकता था?
बच्ची की माता का कहना है कि उसे ग्यारह अप्रेल के अलावा कोई फ़ोन नहीं आया?
बहरहाल यदि अनपढ़ अभिभावक की भी गलती है तो संबंधित प्रशासन आगामी समय में क्या यह रास्ता निकाल सकता है कि ऐसी दिक्कत दोबारा किसी बच्ची को नहीं झेलनी पड़ी। और समय पर बच्चा परीक्षा दे पाय ।और किसी भी अहम परीक्षा से ना चूक पाए । और अभिभावकों की भी ज़िम्मेदारी तय की जा सके जिनसे सही समय में सही संपर्क प्रशासन द्वारा किया जा सके


