
शिमला के सबसे बड़े उपनगर के प्राइमरी हेल्थ सेंटर की हालत
हिमाचल के स्वास्थ्य क्षेत्र में इससे बड़ी बदनसीबी क्या हो सकती है कि टूटू के एक प्राइमरी हेल्थ सेंटर में लाखों की मशीन तो लगा दी गई लेकिन इसे चलाने वाली की नियुक्ति ही सरकार नहीं कर पाई । नतीजा ये हुआ है कि नो वर्षों से शिमला के सबसे बड़े उपनगर टूटू में इस मशीन से एक भी एक्स रे नहीं हो पाया है और इस मशीनी की वारंटी भी ख़त्म हो गई है
अब मरीज़ों को निजी संस्थानों के पास अपनी जेबें ढीली करके टेस्ट करवाना पड़ रहा है। अब इसका ज़िम्मेदार कौन है और और वर्षों से फाँक रही इस मशीन की धूल से मरीज़ों को अभी तक पेश आई परेशानी का ज़िम्मेदार कौन होगा?
हेरानी है कि कई वर्षों से सरकार एक तकनीशियन की नियुक्ति नहीं कर पाया है ।
इस स्वास्थ्य केंद्र में प्रति दिन कई लोग इलाज करवाने आते हैं जिसमें निम्न तबके के अधिकतर मरीज़ होते है इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए।पूर्व अध्यक्ष विकास समिति टूटू एवं समाजसेवी नागेंद्र गुप्ता ने एक आरटीआई लगवाई है।
इसे लेकर एक आरटीआई में माँगी गई जानकारी में ये खुलासा हुआ है





