नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 पर एक दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन

क्षमता निर्माण कार्यशाला
लोरेटो कॉन्वेंट स्कूल तारा हॉल शिमला ने स्कूल के सभी संकाय सदस्यों के लिए नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 पर एक दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया गया। शिमला के चैप्सली विद्यालय के चार अध्यापक व अध्यापिकाएँ भी इस कार्यशाला में सम्मिलित हुए।

इस दिन के संसाधन व्यक्ति/विषय विशेषज्ञ थे
श्रीमती रीमा बाथला, प्राचार्या, सेंट टेरेसा कॉन्वेंट स्कूल, पंचकुला और श्रीमती अनुपम केशव, प्राचार्या, दयानंद पब्लिक स्कूल
अध्यापिका श्रीमती अनिला जिष्टु ने संसाधन
व्यक्तियों / विषय विशेषज्ञों का हार्दिक स्वागत किया। इसके बाद माननीया प्रधानाचार्या श्रीमती रितु शर्मा तथा लोरेटो समुदाय की सचिव सिस्टर अपोलिना द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया। इस के बाद दीप प्रज्वलित कर प्रार्थनाओं के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों के बीच राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के बारे में जागरुकता पैदा करना और उन्हें उन कौशलों से परिचित कराना था जो उन्हें इसकी बारीकियों, पाठ्यक्रम परिवर्तनों, शैक्षणिक कौशल में सुधार बदलाव के कार्यान्वयन को समझने में मदद कर सकें।
संसाधन व्यक्तियों / विषय विशेषज्ञों ने नई शिक्षा नीति की ओर ध्यान केंद्रित किए जाने वाले क्षेत्रों पर प्रकाश डाला।
• शिक्षक-प्रशिक्षण और व्यावसायिक विकास नीति में शिक्षकों के सतत व्यावसायिक विकास की आवश्यकता पर जोर दिया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे नवीनतम शैक्षिक रुझानों और शिक्षण पद्धतियों से अपडेट रहे। संकाय सदस्यों को अपने शैक्षणिक कौशल में सुधार के लिए कार्यशालाओं, सेमिनारों और ऑनलाइन पाठ्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
* समय और बहु-विषयक शिक्षा
नीति सीखने के लिए अधिक समग्र और एकीकृत दृष्टिकोण की ओर बदलाव पर जोर देती है। यह छात्रों को कठोर अनुशासनात्मक सीमाओं से हटकर विभिन्न विषयों और अंतःविषयक अध्ययनों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करती है।
• पाठ्यक्रम सुधार
प्रतिभागियों को नीति द्वार ऐसे पाठ्यक्रम के बारे में भी जानकारी दी गई जो लचीला हो और छात्रों के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया हो।
• मूल्यांकन सुधार
कार्यशाला में रचनात्मक आकलन के महत्व और अधिक समावेशी मूल्यांकन प्रणाली की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला गया जो केवल शैक्षणिक प्रदर्शन के बजाय छात्र के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करे।
• समावेशी शिक्षा
राष्ट्रीय शिक्षा नीति सभी के लिए, विशेष रूप से हाशिए पर रहने वाले समुदायों, विकलांग छात्रों और पहली पीढ़ी के शिक्षार्थियों के लिए शिक्षा को समावेशी और सुलभ बनाने पर भी दृढ़ता से ज़ोर देती है।
कार्यशाला में एक इंटरैक्टिव सत्र भी शामिल था जहाँ संकाय सदस्यों ने एनईपी 2020 को लागू करने में आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा की। इसने शिक्षकों को यह विचार मंथन करने का अवसर भी प्रदान किया कि वे एनईपी सिद्धांतों को अपने विषयों और शिक्षण प्रथाओं में कैसे शामिल करें। समूह चर्चाएँ आयोजित की गई और नीति को लागू करने के लिए विभिन्न नवीन विचारों पर चर्चा की गई, जैसे कि परियोजना आधारित शिक्षा, छात्र-नेतृत्व वाली चर्चाएँ और सहयोगात्मक शिक्षण विधिर्यो को एकीकृत करना।
नई शिक्षा नीति 2020 कार्यशाला सभी संकाय सदस्यों के लिए एक अंतर्दृष्टिपूर्ण और उत्पादक सत्र था। इस सत्र ने नीति और शिक्षा प्रणाली पर इसके संभावित प्रभाव की गहन समझ प्रदान की।श्रीमती अनुपमा सांख्यान ने एक समृद्ध और आकर्षक सत्र आयोजित करने के लिए संसाधन व्यक्तियों/विषय विशेषज्ञों का हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सत्र का समापन किया।




