हिमाचल सरकार ने शिक्षा में सुधार को लेकर यूनेस्को (UNESCO) के साथ किया ऐतिहासिक करार

*शिमला*
हिमाचल प्रदेश सरकार ने शिक्षा की गुणवता को बढ़ावा देने को लेकर UNESCO के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की उपस्थिति में आज राज्य सचिवालय में इस ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस मौके पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, शिक्षा सचिव राकेश कंवर, समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली और यूनेस्को के निदेशक एवं प्रतिनिधि टिम कर्टिस और प्रोग्राम स्पेशलिस्ट एवं चीफ ऑफ एजुकेशन जॉयस पोआन मौजूद रहीं।
UNESCO के साथ HP FUTURES कार्यक्रम को लेकर किए गए इस करार के तहत हिमाचल में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए संयुक्त प्रयास किए जाएंगे। इस पहल के अंतर्गत शिक्षकों और शिक्षण संस्थानों की क्षमताओं को सुदृढ़ किया जाएगा, जिसमें 21वीं सदी की आवश्यक कौशल क्षमताओं और पर्यावरण शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हिमाचल प्रदेश में शिक्षा को समावेशी, सतत और भविष्य-उन्मुख बनाना है।
इस करार के तहत कौशल आधारित शिक्षा (Competency-Based Education – CBE) को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे छात्रों में आलोचनात्मक सोच, रचनात्मकता, सहयोग और संचार जैसी क्षमताएं विकसित हो सकें। शिक्षण पद्धतियों, पाठ्यक्रम, शिक्षक प्रशिक्षण और मूल्यांकन प्रणालियों को आधुनिक आवश्यकताओं के अनुसार तैयार किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए ग्रीनिंग एजुकेशन को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इससे छात्र जलवायु परिवर्तन और अन्य पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्राप्त कर सकेंगे।
इसके अलावा, खेलों के माध्यम से मूल्य शिक्षा को भी बढ़ावा दिया जाएगा। शिक्षकों को समावेशिता, समानता और परस्पर सम्मान जैसे मूल्यों की शिक्षा देने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों में टीम वर्क, नेतृत्व और खेल भावना जैसी विशेषताएं विकसित हो सकें। इस पहल को लागू करने के लिए तीन-स्तरीय दृष्टिकोण अपनाया जाएगा, जिसमें नीतियों और पाठ्यक्रम की समीक्षा, शिक्षक प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण और ग्रीनिंग एजुकेशन मूल्यांकन शामिल हैं।
*HP FUTURES कार्यक्रम शिक्षा में सुधार की दिशा में राज्य सरकार का महत्वपूर्ण कदमः मुख्यमंत्री*
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़े कदम उठाए हैं। सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में परिवर्तित करने, डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देने और दूरस्थ क्षेत्रों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुँचाने के लिए हमने विशेष प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी पहल, HP FUTURES कार्यक्रम — (Foundation for Upskilling, Teacher Excellence, Understanding, Readiness, Equity, and Sustainability), इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि UNESCO के साथ इस ऐतिहासिक समझौते के तहत हम शिक्षक प्रशिक्षण को और अधिक सशक्त करेंगे, वैश्विक शिक्षण प्रक्रियाओं से सीखेंगे और पर्यावरणीय शिक्षा को शिक्षा प्रणाली का अभिन्न अंग बनाएँगे। शिक्षा-नीति निर्माण में डेटा और अनुसंधान आधारित निर्णयों को प्राथमिकता दी जाएगी।
*करार वैश्विक स्तर की शिक्षा एवं भविष्य के लिए जीवन कौशल से लैस करने की दूरदर्शी प्रतिबद्धता का प्रमाणः शिक्षा मंत्री*
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि UNESCO के साथ यह करार हिमाचल सरकार की वैश्विक स्तर की शिक्षा एवं भविष्य के लिए जीवन कौशल से लैस करने की दूरदर्शी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि यह सब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के कुशल नेतृत्व और स्पष्ट दृष्टि से संभव हुआ है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमारी पहल, HP FUTURES — Foundation for Upskilling, Teacher Excellence, Understanding, Readiness, Equity, and Sustainability — इस प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यह पहल कार्य-तैयारी, शिक्षक उत्कृष्टता, पर्यावरण जागरूकता, साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण, और वैश्विक साझेदारियों पर विशेष जोर देती है।
*छात्रों को 21वीं सदी की चुनौतियों के लिए तैयार करने की दिशा में बड़ा कदमः राजेश शर्मा*
समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने इस मौके पर कहा कि हिमाचल की प्रमुख पहल, HP FUTURES —— Foundation for Upskilling, Teacher Excellence, Understanding, Readiness, Equity, and Sustainability — हमारे राज्य के शिक्षकों को सशक्त बनाने, भविष्य के लिए तैयार शिक्षार्थियों का पोषण करने तथा 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम संस्थानों के निर्माण के हमारे संकल्प को दर्शाती है।
राजेश शर्मा ने कहा कि UNESCO के साथ इस परिवर्तनकारी यात्रा के माध्यम से हिमाचल में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाएगा, जिससे छात्रों और शिक्षकों में आवश्यक कौशल और ज्ञान का विकास होगा। यह पहल न केवल भविष्य की चुनौतियों और अवसरों के लिए विद्यार्थियों को तैयार करेगी, बल्कि एक स्थायी और समावेशी शिक्षा प्रणाली के निर्माण में भी सहायता करेगी। पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक समानता को बढ़ावा देने वाली इस साझेदारी के माध्यम से हिमाचल प्रदेश शिक्षा क्षेत्र में एक आदर्श मॉडल प्रस्तुत करेगा, जिसका लाभ अन्य राज्यों को भी मिल सकेगा।



