
इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज व अस्पताल (आइजीएमसी) में मरीजों को फिर से टेस्ट सुविधा की दिक्कत झेलनी पड़ रही हैl igmc की ही आपातकाल लैब में गिने चुने टेस्ट हो रहे हैं ।
मरीजों का कहना है कि
आपातकाल लैब में इलेक्ट्रोलाइट प्रोफाइल टेस्ट और पीटीनर टेस्ट ही हो रहे हैं जबकि होने थे 20 टेस्ट। मरीजों को अपना इलाज करवाने के लिए पहले ही ओपीडी के बाहर बहुत इंतजार करना पड़ता है। मरीज अपना इलाज करवाने के लिए जमीन पर बैठकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं अब अस्पताल में हो यदि पूरे टेस्ट नहीं हो पाए तो सरकारी सुविधा का क्या लाभ
। सबसे ज्यादा अस्पातल की मेडिसन, यूरोलॉजी व आर्थो ओपीडी में मरीजों की भीड़ होती है। इन तीनों ओपीडी में के अलावा अन्य opd में ही सैंकड़ो से अधिक मरीज अपना इलाज करवाने के लिए आते हैं। जिन्हें doctors द्वारा test लिखा जाता है
अब ये लैब तीन लोगों के स्टाफ से चलाई जा रही है और वो भी 24/7
लैब में स्टाफ की कमी के चलते आम जनता को इधर-उधार भटकना पड़ रहा है।और निजी लैब्स का रूख भी देखना पड़ता है कम स्टाफ होने के कारण मरीजों को काफ़ी परेशानी होती है। निजी क्षेत्र में टेस्ट काफ़ी महंगे होते हैं । अस्पताल में इलाज कराने आई ज्योति का कहना है कि सरकारी लैब की मजबूती दी जानी जरूरी है
आईजीएमसी हियामचल के सबसे बड़े व्यस्त अस्पताल में से एक है ।अधिकतर गरीब तबका इधर इलाज करवाने आता है फिर सरकारी अस्पताल का क्या लाभ



