गरीब लोग 16 से 20 किलामीटर पैदल ही धामी पहुंच रहे

विगत कई महीनों से शिमला ग्रामीण के एक बड़े परिवहन क्षेत्र को नियमित रुट पर चलने वाली शिमला-गवाही-कोहबाग धामी बस सेवा से वंचित किया गया है जिससे सैंकडों लोगों को आवाजाही में बहुत परेशानी हो गई है। यह बस सेवा शिमला से प्रातः 8 बजे के बाद चलती थी और वाया गवाही-कोहबाग-बस्तीगुनाणा-रंगोल होते हुए धामी तक जाती थी और उसी रुट पर यह वापिस आती है। यह विडंबना है कि शिमला ग्रामीण से जनता ने सशक्त मंत्री को चुना है किंतु ग्राम पंचायत घेच कोहबाग एवं मायली जेजड़ की बस सेवाएं धीरे-धीरे बंद होती जा रही है।
दरअसल शिमला ग्रामीण की ये कुछ पंचायतें धामी तहसील से संबद्ध की गई हैं और इस कारण राजस्व के समस्त कार्यों के लिए धामी आना-जाना सामान्य है। इस बस रुट पर लोग धामी आसानी से आ-जा रहे थे और अपने तहसील व अस्पताल के कार्यों को भी निपटा रहे थे। बस के बंद हो जाने के कारण अब धामी के लिए कोई भी परिवहन सेवा न है जिस कारण लोगों को टैक्सी करके ही वहां जाना पड़ता है। गरीब लोग 16 से 20 किलामीटर पैदल ही धामी पहुंच रहे हैं। इस बस रुट पर पनेश-गलोट, गवाही, रौड़ी, पट्टा, मकड़ोग, घेच, कोटला, पतशाल, भरयावण, कोहबाग, छ्यावग, पालगी, स्यालमु, बडोग, बरोग, खायरी, खमारी, बस्तीगुनाणा और रंगोल जैसे अनेक गांवों के लोग बेहत परेशान है और बारबार सरकार एवं परिवहन विभाग से इस बस सेवा को सुचारु करने की गुहार लगा रहे है।
आज भी एक प्रतिनिधिमंडल महिलाओं के संगठन के साथ तथा बुजुर्गों के साथ प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर से मिलने शिमला पहुंचा तथा प्रार्थना की कि तुरंत इस रुट को बहाल कर बस सेवा आरंभ की जाए। संस्था के अध्यक्ष हेम राज चौहान ने बताया कि परिवहन विभाग इस बाबत सुनवाई ही नहीं कर रहा है तथा कई अन्य रुट भी प्रभावित किए जा रहे हैं। प्रभावितों में पंचायत के पूर्व सदस्य सीताराम ने कहा कि हमने अपनी ज़मीने सड़क हेतू निशुल्क प्रदान की तथा बस सेवा की मांग रखी थी। अब बसें बंद की जा रही है। सरकार जनता के साथ धोखा कर रही हैं। प्रतिनिधिमंडल के साथ धर्मदास, पंचायत सदस्या उमा देवी सहित विभिन्न गांवों से 30 लोग शामिल थे। उदघोष के चेयरमैन एव समाजसेवी हेम राज चौहान ने कहा कि स्थानीय विधायक एवं परिवहन विभाग इस समस्या को अति गंभीरता से लें और आम लोगों की परिशारियों को समझते हुए शिमला धामी बस सेवा को तुरंत शुरु करें।


