
गणतंत्र दिवस की परेड में इस बार “हिमाचल “ के दर्शन नहीं हो पाएँगे। रक्षा मंत्रालय की ओर से चयनित की गई झांकी में हिमाचल से भेजे गये प्रोजेक्ट को नामंज़ूर किया गया है। ग़ौर हो कि हिमाचल की ओर से भेजे गए प्रपोजल में कुल्लू की रोरिक आर्ट गैलेरी का प्रस्ताव भेजा गया था लेकिन रक्षा मंत्रालय ने हिमाचल से भेजे गये प्रस्ताव को रिजेक्ट कर दिया। हिमाचल की ओर से रोरिक आर्ट गैलेरी के मॉडल को राइजेक्ट किया गया लेकिन ये मॉडल भारत दर्शन में देखा जाएगा। जो कार्यक्रम दिल्ली में आयोजित किया जाता है।
बॉक्स
परेड में शामिल होना होती है गर्व की बात
गणतंत्र दिवस की परेड में किसी राज्य का शामिल होना उस राज्य के लिए ग़ौरव की बात होती है। राष्ट्रीय नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ये मंच जिस राज्य को मिलता है ये उस राज्य का ओहदा और बड़ा देता है
हिमाचल को इन वर्षों में मिला ही स्थान
दिल्ली में आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस पर साल 2020 में अंतिम बार कुल्लू दशहरा की झांकी प्रदर्शित हुई थी. हिमाचल में कुल्लू का दशहरा काफी प्रसिद्ध है. इस दौरान भगवान रघुनाथ की रथ यात्रा निकलती है. ऐसे में इसी की झांकी को दिल्ली के गणतंत्र दिवस पर दिखाया गया था. इससे पहले, गणतंत्र दिवस पर साल 2007 में लाहौल-स्पीति, साल 2012 में किन्नौर, 2017 में चंबा की संस्कृति की झलक राजपथ पर दिखाई गई थी. वहीं, साल 2018 में लाहौल-स्पीति के 1300 साल पुरानी गोंपा की झांकी दिखाई गई थी. इसके बाद अंतिम बार साल 2020 में कुल्लू दशहरा की झांकी को शामिल किया था।
बॉक्स
क्या कहते है अधिकारी
संयुक्त निदेशक भाषा कला एवं संस्कृति विभाग मंजीत सिंह का कहना है कि इस बार गणतंत्र दिवस की परेड में हिमाचल से भेजी गई झांकी का चयन नहीं हुआ है लेकिन भारत दर्शन में हिमाचल से भेजी गई झांकी दिखाई जाएगीहिमाचल से रोरिक आर्ट गैलरी का मॉडल भेजा गया था।