EXCLUSIVE: बोर्ड परीक्षा से एक हफ्ते पहले कांगड़ा बालिका गृह से शिमला शिफ्ट कर दी आठ बेटियां, उठे सवाल
ऐसे फरमान पर सीडब्ल्यूसी ने जताई हैरानी, जल्दबाजी की क्या थी आवश्यकता
आखिर यह कैसे फरमान आनन-फानन में जारी दिए गए की कांगड़ा के एक बालिका गृह से 8 बेटियों को कांगड़ा में ही बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं नहीं दिलाई गई । बल्कि आनन-फानन में उन्हें बोर्ड परीक्षा के आयोजन से एक हफ्ते पहले एकाएक शिमला भेज दिया गया। हैरानी तो यह है कि आखिर ऐसी क्या जल्दी थी कि इन बेटियों को कांगड़ा से एकाएक टूटी कंडी बालिका आश्रम में भेज दिया गया है। जानकारी मिली है कि इनमें सात बेटियों के 12वीं के पेपर है वही एक बेटी 11वीं कक्षा की छात्रा है। सूचना मिली है कि यह बेटियां कांगड़ा के एक बाल गृह में रह रही थी। कांगड़ा के एक स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रही थी। जिसके बाद अब इन 8 बेटियों को शिमला के एक स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने के लिए भेज दिया गया है।
अब सवाल ये उठ रहे हैं कि आखिर कांगड़ा में इन बेटियों को 12वीं की परीक्षा क्यों नहीं दिलवाई गई ? बल्कि परीक्षा आयोजन में सिर्फ महज सप्ताह भर बचा था।
रहता है एक मानसिक परिवेश
गौर हो कि एक मानसिक परिवेश की भी बात की जाए तो जहां पर बच्चा काफी समय से रहता है वहीं पर परीक्षा आयोजन में उसकी मानसिक स्थिति एक बेहतर परिवेश में रहती है लेकिन जल्दबाजी में एक जिले से दूसरे जिले में बालिकाओं को क्यों शिफ्ट किया गया? बल्कि यह दूरी एक जिले से दूसरे जिले के लिए बहुत ज्यादा है और यह बेटियां पहले से बालिका गृह में रह रही थी।
सीडब्ल्यूसी ने जताई हैरानी
आनन-फानन में जारी किए इस फरमान को लेकर चाइल्ड वेलफेयर काउंसिल ने भी हैरानी जताई है सूचना है कि इनके कानों तक भी यह बात पहुंची थी कि जल्दबाजी में इन बेटियों को शिमला भेजा जा रहा है लेकिन जब तक कार्रवाई की जाती है बेटियां शिमला पहुंच चुकी थी।


