ख़ास ख़बर: साल का सबसे छोटा दिन 21 दिसंबर, सिर्फ इतने घंटे में ही डूब गया सूरज

साल का सबसे छोटा दिन आज, सिर्फ इतने घंटे में ही डूब जाएगा सूरज
पूरे साल में एक दिन ऐसा आता है, जिसे साल का सबसे छोटा दिन कहा जाता है. इसे विंटर सोल्स्टिस यानी शीतकाली संक्रांति कहा जाता है. इसके बाद से कड़ाके के ठंड शुरुआत होने लगती है.इस साल शीतकालीन संक्रांति शनिवार यानी 21 दिसंबर 2024 को दिन छोटा और रात लंबी है। नासा के मुताबिक, 21 दिसंबर को सुबह 04 बजकर 20 मिनट पर पूर्वी समय पर संक्रांति होगी जोकि उत्तरी गोलार्ध में सर्दियों की शुरुआत और दक्षिणी गोलार्ध में गर्मियों की शुरुआत का संकेत है.
कई लोगों को शीतकालीन संक्रांति के बारे में पता नहीं होता है. क्योंकि आमतौर पर लोगों का यही मानना होता है कि, ठंड में दिन छोटे और रात लंबी होती है. लेकिन शीतकालीम संक्रांति ऐसा दिन है जब सूर्य बहुत जल्दी डूब जाता है. लेकिन दुनिया के हर हिस्से में ऐसा नहीं होता. बल्कि पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध के देशों में ही ऐसा होता है. वहीं दक्षिण गोलार्ध वाले देशों में स्थिति बिल्कुल उल्टी होती है. वहां दिन बड़ा और रात छोटी होती है।
शीलकालीन संक्रांति को सर्दियों की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है. उत्तरी गोलार्ध में सर्दियों के पहले दिन को शीतकाली संक्रांति के रूप में मनाते हैं. कई देशों में शीलकाली संक्रांति को अवकाश और उत्सव के रूप में मनाया जाता है, जिसे अलग-अलग देशों में लोग अलग-अलग तरीके से मनाते हैं. इस दिन लोग लकड़ियां जलाते हैं, नाचते-गाते हैं, भोजन करते हैं और प्रियजनों के साथ समय बिताते हैं.
नवंबर से फरवरी तक को शीत ऋतु कहा जाता है, क्योंकि इस समय सबसे अधिक ठंड पड़ती है. खासतौर पर उत्तरी क्षेत्रों में इस दौरान तापमान कम रहता है. शीत ऋतु के बाद शरद ऋतु की शुरुआत होती है, जिसमें हल्की-फुल्की ठंड रहती है.

