महान विभूति स्वतंत्रता सैनानी क्रांतिकारी साहित्यकार यशपाल जी की जयंती

भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा प्रदेश की महान विभूतियों की जयंतियों का नियमित रुप से आयोजन करवाया जाता है , ताकि उनके द्वारा अपने अपन क्षेत्र मेसमाज के पथ प्रदर्शन की दिशा
में महत्वपूर्ण योगदान कावर्तमान तथा आने वाली पीढ़ी को स्मरण रहे तथा उनके द्वारा दिखाए गए पथ का अनुसरण कारे। ऐसी ही बहुमुखी प्रतिभाकी धनी महान विभूति स्वतंत्रता सैनानी क्रांतिकारी साहित्यकार यशपाल जी जयंती के अवसर युवा पीढ़ी मे साहित्य के प्रति रुचि पैदा करने और विभाग की साहित्यितक गतिविधियों से जोड़ने व उनको ऐसे आयोजनों में मंच प्रदान करने के उद्देश्य से भाषा एवम् संस्कृति विभाग ज़िला शिमला एवम्
गोविंद बल्लभ पंत राजकीय महाविद्यालय रामपुर बुशहर के संयुक्त तत्वावधान में महाविद्यालय के सभागार में जिला स्तरीय यशपाल जयंती समारोह -2024का 06दिसम्बर को आयोजन करवाया गया । कार्यक्रम का आगाज वंदेमातरम,, दीप प्रज्ज्वलन, यशपाल जी के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के उपरांत जिला भाषा अधिकारी शिमला अनिल हारटा और महाविद्यालय के आंग्ल भाषा के विभागाध्यक्ष डा०राजेश नेगी द्वारा कार्यक्रम के अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार ओम भारद्वाज, वशिष्ट अतिथि, महाविद्यालय के उप प्राचार्य ,डा०विद्या बंधू नेगी , पत्र प्रस्तोता माननीय सदस्य हिमाचल कला, संस्कृति एवम् भाषा अकादमी,वरिष्ठ साहित्यकार व शिक्षाविद् डा०सत्यनारायण स्नेही को हिमाचली टोपी और अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया। स्वागत भाषण में अनिल हारटा ने स्वागत के साथ साथ विभाग द्वारा जिला के साहित्य, कला, लोक संस्कृति के संरक्षण के लिए वर्षभर की जाने वाली गतिविधियों की जानकारी भी सांझा की तथा युवाओं को हिन्दी व संस्कृत भाषा तथा अपने क्षेत्र की पहाड़ी बोली मे कविता,कहानी लिखने की अपील की तथा अच्छा साहित्य पढ़ने पर बल दिया।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र में क्रांतिकारी साहित्यकार यशपाल के व्यक्तित्व एवम कृतित्व पर डा०सत्यनारायण स्नेही द्वारा पत्र- वाचन किया गया। जिस पर साहित्यकार ओम भारद्वाज,ललित मोहन भारती, उमा ठाकुर, वेद प्रकाश शर्मा, गगनजीत प्रेमी ने परिचर्चा में भाग ले पत्र में छूटे हुए बिंदुओं को इसमे जोड़ा तथा पत्र में उल्लेखित अनछुए पहलुओं से रूबरू करवाने के लिए पत्रवाचक की भूरि- भूरि प्रशंसा की।
इसी सत्र में आयोजित बहुभाषी कवि सम्मेलन में वरिष्ठ साहित्यकार ओम भारद्वाज ने दो छोटी छोटी क्षणिकाओं से कविता के नवीन रूप से छात्रों को रूबरू कराया,ललित मोहन भारती ,वेद प्रकाश शर्मा, नरेन्द्र शर्मा ने बेटी रा जीवणा रेके रे भागो मार्मिक पहाड़ी कविता से सबको भाव -विभोर किया,उमा ठाकुर ने पहाड़ी बोली मे तीज त्यौहार , पारंपरिक भेषभुषा, व्यंजन का जिक्र किया,सुशील भारती, हितेंद्र शर्मा ने यशपाल के जीवन का कविता मे किए गए चित्रण की उम्दा प्रस्तुति से दर्शकों की खूब तालियां बटोरी,धर्मपाल भारद्वाज ने पहाड़ी बोली मे लवी मेले के पुरातन व वर्तमान स्वरुप को अपनी रचना मे उजागर किया,डा०सतपाल खुंंद, गगनजीत प्रेमी,अदिति कंसल ने एक से बढ़ कर एक बेहतरीन रचनाओं की प्रस्तुति कर सबको मंत्रमुग्ध किया तथा इसी कड़ी में महाविद्यालय के नवोदित कवियों में प्रिया, साक्षी जिस्टू, प्रितम आजाद, अमीषा, निर्मला, शिवानी ,प्रीति शर्मा ने स्वरचित कविताओं का वरिष्ठ साहित्यकारों और हजारों श्रोताओं के सम्मुख प्रथम बार कवि सम्मेलन में भाग लेकर कविता पाठ किया । कार्यक्रम मे मंच संचालन का कार्य वरिष्ठ साहित्यकार डा० जगदीश बाली ने किया। दुसरे सत्र में साहित्य की रूपी सराज कला मंच के युवा रंगकर्मियों द्वारा पर्दा,अखबार में नाम ,खुदा और खुद की लड़ाई ,धर्म युद्ध महाराज का इलाज ,महादान आदि कहानियों का नाट्य मंचन किया पर दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने पर सबने खूब सराहा । इस अवसर पर सहायक लोक सम्पर्क अधिकारी रामपुर एम एस नेगी,महाविद्यालय का आचार्यगण, शिवम् ठाकुर, महिंद्र सिंह माही,हजारों छात्र भी उपस्थित रहे।

