अध्यक्ष- उपाध्यक्षो सहित दो माह तक वेतन एवम भत्ते निलंबित करने के फैसले का स्वागत

हिमाचल प्रदेश की गम्भीर वितीय स्थिति के मध्यनजर मुख्य मन्त्री ठाकुर सुखविंदर सिंह ‘सुक्खू’ द्वारा समस्त मन्त्री मण्डल सदस्य, संसदीय सचिव, आठ सलाहकारों सहित विभिन्न बोर्ड व निगमों के अध्यक्ष- उपाध्यक्षो सहित दो माह तक वेतन एवम भत्ते निलंबित करने के फैसले का हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के मीडिया को-ओरडीनेटर व इन्टरेगेटड मैडीकल एशोसियेशन (आयुष) की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष डॉक्टर दिनेश कुमार ने स्वागत किया है।
उन्होने सभी हिमाचल प्रदेश से संबंधित लोक सभा एवम् राज्य सभा के सांसद व सभी विधायको से अनुरोध किया है कि उन्हे भी कम से कम इस अवधि के सभी वेतन- भत्ते प्रदेश हित मे न लेने का फैसला राजनैतिक विचार धारा से ऊपर उठकर करना चाहिए जैसा कि इस समय विधान सभा का सत्र भी चला हुआ है और सभी विधायक पक्ष और विपक्ष को सामूहिक मुख्यमन्त्री और विपक्ष की नेता की मौजूदगी मे एक मत से इस सम्बन्ध मे फैसला लेकर देश के समक्ष एक मिसाल कायम करनी चाहिए कि राज्य हित सर्वोपरि है और केन्द्र सरकार को भी मौजूद वितीय संकट को देखते हुए आर्थिक मदद के लिए कदम उठाने चाहिए व राजस्व घाटा अनुदान मे भी उदारता दिखाते हुए हिमाचल प्रदेश को स्वावलंबी राज्य बनने तक पहाड़ी राज्य का विशेष दर्जा बहाल कर राहत देनी चाहिए और एन पी एस का 9200 करोड रूपए व जी एस टी कम्पनसेसन जो वर्ष 2022 से बन्द है ,को बहाल कर प्रदेश सरकार के देय वितीय लाभ को जारी करना चाहिए।
डॉक्टर दिनेश कुमार ने कहा कि प्राकृतिक आपदा मे प्रदेश सरकार ने जिस तरह अपने स्तर पर राहत देकर पीड़ित परिवारो को सकून पहुंचाया है उसके लिए प्रदेश के मुख्य मन्त्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की विश्व बैंक ने भी तारीफ की है परन्तु केंद्र सरकार गत वर्ष की अभी तक नुकसान की वास्तविक राहत राशि जो कि लगभग दस हजार करोड रूपए है, को भी जारी नही किया है जबकि इस वर्ष भी प्रदेश प्राकृतिक आपदा से गुजर रहा है और सौतेला व्यवहार न करते हुए हिमाचल प्रदेश को भी अन्य पहाड़ी राज्यों की तर्ज पर वितीय सहायता समय समय पर केन्द्र सरकार को देनी चाहिए


