विशेष

ख़ास ख़बर: क्या पिनकोड से नहीं बल्कि मोबाइल नंबर देख कर बांटे जा रहे है डाक विभाग के पत्र ?

 

डाक घर नोहरा धार जिला सिरमौर में एक अजीब मामला सामने आया ।  वीरवार 18 जुलाई को एक उपभोक्ता को फोन पर बताया कि उनका पंजीकृत पत्र शिक्षा उपनिदेशक सोलन से डाकघर नोहरा धार में पहुंचा है परंतु इस पर मोबाइल नंबर और जिला गलत छपा है उपभोक्ता ने डाकिए को बताया कि निश्चित रूप से उनका पत्र उपनिदेशक शिक्षा विभाग सोलन से अपेक्षित था अतः वह शाम कार्यालय से वापिस आने की प्रतीक्षा करे अथवा उनका पत्र उनके संबंधी को दे दे।परंतु शाम पांच बजे डाकिए ने बताया कि उप डाकपाल नोहरा धार ने उस पत्र पर मोबाइल नंबर ठीक न होने के कारण वापिस संबंधित कार्यालय को प्रेषित करवा दिया है।उपभोक्ता ने इसकी शिकायत शिमला कार्यालय के एक अधिकारी के इंटरनेट पर उपलब्ध व्हाट्सएप नंबर पर दर्ज करवाई गई है

WhatsApp Image 2025-08-08 at 2.49.37 PM

अब प्रश्न पैदा होता है कि जिस उपभोक्ता को डाकिया व्यक्तिगत रूप से जानता है तथा मोबाइल पर सूचना भी देता है उस उपभोक्ता के पंजीकृत पत्र को मोबाइल नंबर ठीक न होने के कारण वापिस भेजा जाना कितना उचित है।
संबंधित उपभोक्ता ने प्रेस को दिए बयान में नाम न छापे जाने की शर्त पर बताया कि ऐसे ही हैरानी वाले मामले राजगढ़ क्षेत्र के एक अन्य डाकघर के भी है जहां एस डी एम पच्छाद के कार्यालय से आठ दिसंबर 2023 को भेजा पंजीकृत पत्र सात महीने बाद 80 किलोमीटर चल कर 7 जुलाई 2024 को उपभोक्ता को मिला उसी उपभोक्ता का दूसरा सरकारी पत्र 4 मई 2024 को राजगढ़ डाकघर से भेजा गया परंतु उसी क्षेत्र के एक अन्य डाकघर में , ए टी एम कार्ड तथा चेक बुक के साथ दो महीने बाद 7 जुलाई 2024 को पहुंचा। उपभोक्ता तथा उपभोक्ता के एक रिश्तेदार ने बताया कि उक्त लापरवाही की शिकायत शिमला कार्यालय के एक अधिकारी के इंटरनेट पर उपलब्ध व्हाट्सएप नंबर पर दर्ज करवाई गई तथा आश्वासन दिया गया की शीघ्र उक्त विषय पर कार्रवाई होगी।

Deepika Sharma

Related Articles

Back to top button
Close