इस तरह शहर में संयुक्त टास्क फोर्स निपटेगी आपदा से

तीन महीने तक कार्य करेगी फोर्स, अत्याधुनिक उपकरणों से होगी लैस
इस मौके पर उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा आपदा में राहत कार्यों को तीव्रता से तभी पूरा किया जा सकता है, जब घटना स्थल के बारे पूर्ण जानकारी एकत्रित होगी। जब हमारी टास्क फोर्स मौके पर पहुंच जाए तो प्लान बनाने की बहुत कम आवश्यकता रहें। इसके साथ ही हमारा रिस्पॉन्स समय बहुत ही तेज गति से होना चाहिए।
तीन महीने के लिए कार्य करेगी संयुक्त टास्क फोर्स
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि यह टास्क फॉर्स तीन महीने के लिए शिमला शहर के लिए गठित की गई है। फोर्स के पास अत्याधुनिक उपकरण और तकनीक उपलब्ध है ताकि आपदा के समय राहत कार्यों को आसानी से अंजाम दिया जा सके।
उपायुक्त ने कहा कि हर उपमंडल स्तर पर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधीन फोर्स काम करेगी। हर क्षेत्र में एहतियात के तौर पर सारे पूर्वाभ्यास किए गए है। इसके साथ ही चयनित स्थानों पर मशीनों को तैनात कर दिया गया है।
पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी ने कहा कि आपदा में फोर्स की ओर से टीम वर्क होना चाहिए। टीम में निपुण सदस्यों को कार्य का बंटवारा किया जाना चाहिए ताकि राहत कार्यों को करने में कम से कम दिक्कतों का सामना करना पड़े। उन्होंने कहा कि हर वर्ष आपदा का प्रारूप बदलता जा रहा है। विकास कार्यों के चलते भी कई चुनौतियां हमारे समक्ष है। हमारे लिए आपदा की चपेट में आने वाले हर व्यक्ति की जान की सुरक्षा करना महत्वपूर्ण है।
शिमला शहर के लिए गठित टास्क फोर्स में एनडीआरएफ की टीम के 35 सदस्य है और गृह रक्षक के 9 सदस्य है, जिनके पास पर्याप्त मात्रा में वाहन उपलब्ध है।
आपदा के समय आम नागरिक को अहम भूमिका निभाते हुए राहत कार्यों में प्रशासन और आपदा कार्यों में लोगों की मदद करनी चाहिए। इसके साथ ही आपदा की सूचना जिला प्रशासन के साथ तुरंत साझा करनी चाहिए ।
इस दौरान अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (प्रोटोकाॅल) ज्योति राणा, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (कानून एवं व्यवस्था) अजीत भारद्वाज, नविता शर्मा कमांडेंट गृह रक्षक सहित टास्क फोर्स के सदस्य मौजूद रहे।



