ख़ास ख़बर: 100 दिनों का एक्शन प्लान तैयार कर इसे जमीनी स्तर पर लागू करेंगे पीएम श्री स्कूल*
*पीएम श्री स्कूल योजना की कैपेसिटी बिल्डिंग वर्कशाप का दूसरा दिन*

पीएम श्री स्कूल योजना के तहत हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान ( HIPA) फेयर लांज में आयोजित कार्यशाला में दूसरे दिन एक्शन प्लान तैयार करने, स्कूल प्रमुखों में लीडरशिप की भावना विकसित करने, बालिकाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाने जैसे विषयों पर चर्चा की गई।
दिल्ली से आए रिसोर्स पर्सन्स ने इन सभी विषयों की विस्तार से प्रतिभागियों को जानकारी दी।
कार्यशाला में बताया गया कि पीएम श्री स्कूल योजना का एक अहम हिस्सा इसका एक्शन प्लान है। दरअसल एक्शन प्लान ही इन स्कूलों का एक तरह से आधार होगा। केंद्र सरकार से जारी दिशा निर्देशों के अनुसार सभी पीएम श्री स्कूलों अपना 100 दिन का एक्शन प्लान तैयार करना होगा और उनके अनुसार ही आगे का कार्य करेंगे। पीएम श्री स्कूल योजना के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. सुरेश ठाकुर ने कार्यशाला में बताया कि स्कूलों को अपना एक्शन प्लान मुख्यतः शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों के अनुसार बनाना होगा। हालांकि स्कूल अपने स्तर पर कुछ नई चीजों को इस प्लान में शामिल कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पीएम श्री स्कूलों को मिले कुल बजट का 30 फीसदी सिविल कार्यों के लिए आवंटित किया जाएगा, बाकी 70 फीसदी शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के कार्यों पर खर्च करना होगा। हालांकि स्कूलों के लिए तय कुल बजट का करीब 40 फीसदी प्लैक्सी फंड रहेगा। यानी 40 फीसदी बजट से स्कूल अपने की जरूरतों के मुताबिक प्लान बनाकर खर्च कर सकेंगे। उन्होंने स्कूल प्रमुखों से आग्रह किया है कि वे गुणवत्ता बढ़ाने के लिए विद्यालयों की जरूरत के मुताबिक प्लान बनाएं। 100 दिनों की अवधि के दौरान ही शिक्षकों की कैपेसिटी बिल्डिंग का कार्य भी पूरा करना होगा। एक्शन प्लान के तहत होने वाली विभिन्न गतिविधियों की डाक्यूमेंटेशन भी इसके तहत की जाएगी। यही नहीं 100 दिनों के बाद सभी स्कूलों के कार्यों की समीक्षा भी की जाएगी।
नेशनल सेंटर फॉर स्कूल लीडरशिप, नेशनल इंस्टीट्यूट आफ एजुकेशन प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन नई दिल्ली की प्रो.तृप्ति सिंह ने पीएम श्री स्कूल योजना के स्कूल प्रमुखों में लीडरशिप की भावना विकास करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की पीएम श्री स्कूलों के विकास में बडी भूमिका रहेगी। तृप्ति सिंह ने स्कूल लीडर की विशेषताओं और क्षमताओं के बारे में बताया कि किस तरह प्रमुख अपने स्कूलों को एक लीडर की तरह विकसित कर सकते है। उन्होंने स्कूल प्रमुखों से कहा कि वे स्कूल लीडर के तौर पर अपने आपको देखें। स्कूल में सुधार के लिए अपने टारगेट तय करें और इनको निर्धारित समय में पूरा करने के लिए कदम उठाएं। शिक्षक क्रिएटिव और नए आईडिया लेकर भी आएं।
पीएम श्री स्कूलों का एक अहम पहलू इनमें आत्मरक्षा के गुर बालिकाओं को सिखाने का है। कार्यशाला में “मुक्का मार” संस्था की ओर से प्रेरणा व श्रद्धा ने बालिकाओं के साथ होने वाली हिंसा और उनसे बचाव के तौर तरीकों के बारे में बताया। उन्होंने स्कूलों में बालिकाओं को पारंपरिक सेल्फ डिफेंस की बजाए वर्बल डिफेंस जैसे नए तरीकों को सीखाने पर जोर दिया। उनका कहना था कि बालिकाओं को मानसिक तौर पर भी मजबूत बनाना होगा। इसके लिए स्कूलों में आत्मरक्षा के गुर लंबे समय तक सिखाए जाने चाहिए।
डिपार्टमेंट आफ स्कूल एजुकेशन एंड लिटरेसी की प्रतिनिधि सईदा सना और ममता ने स्कूल प्रमुखों को 100 दिनों के एक्शन प्लान के विभिन्न कंपोनेंट को लेकर पूरी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किस तरह एक बड़े प्लान में छोटे छोटे प्लान को तैयार किया जा सकता है। इस प्लान में शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्य भी शामिल हैं। इसे भी समय पर पूरा करना जरूरी है।
पीएम श्री स्कूल योजना के नोडल अधिकारी सुरेश ठाकुर ने कार्यशाला में आए शिक्षकों से कहा कि वे यहां से पूरी तरह पीएम श्री स्कूल योजना की जानकारी लेकर जाएं क्योंकि आगे डाइट और स्कूल स्तर इस योजना को लागू करने का जिम्मा आप लोगों पर रहेगा। उन्होंने प्रतिभागी शिक्षकों से बाकी शिक्षकों को प्रशिक्षण देने का कार्य एक निर्धारित समय में पूरा करने का आग्रह किया ताकि इस योजना को सफलतापूर्वक जमीनी स्तर पर लागू किया जा सके।



