भाग दो
हिमाचल में बंटने वाले मिड डे मील के करोड़ों के बजट पर भारत सरकार ने सवाल उठाए हैं। पीएफएमएस यानी कि पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम को लेकर विस्तृत रिपोर्ट वित्त मंत्रालय के तहत मांगी गई है।
अब दिक्कत ये हुई है कि केंद्र से मिड डे मील का बजट नहीं आ पाया है लिहाजा हिमाचल प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने मिड डे मील आवंटन को लेकर हिमाचल सरकार से उधार मांगा है जिसके बाद जब केंद्र सरकार आगामी बजट जारी करेगी उसे चुकता कर दिया जाएगा।
जानकारी मिली है कि अभी मौखिक तौर पर यह क्वाइरी भारत सरकार के अंतर्गत हिमांचल को बताई गई है लेकिन सूचना है कि जल्दी लिखित तौर पर क्वेरी के बारे में हिमाचल की प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय से रिपोर्ट मांगी जाने वाली है।
भारत सरकार के तहत बजट आवंटन को लेकर एक खास तरह का प्रोग्राम शुरू किया गया है ।जिसका नाम पी एफ एम एस सिस्टम है यानी कि इस सिस्टम के तहत ही भारत सरकार मिड डे मील बजट आवंटन की रिपोर्ट को मांगता है जिसे लेकर यह सवाल उठाए गए हैं। लिहाजा भारत सरकार ने मिड डे मील के बजट को रोक दिया है। अब इसका खर्चा हिमाचल यानी कि राज्य के बजट से किया जा रहा है
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अस्सी करोड़ का है बजट
वर्ष 2003 के तहत लगभग 80 करोड का बचट भारत सरकार के तहत हिमाचल को प्रस्तावित है। जिस पर पीएफएमएस के तहत रिपोर्ट हिमाचल से भारत सरकार ने मांगी है। पीएफएमएस एक ऐसा सिस्टम है जो मिड डे मील योजना के बजट आवंटन की पारदर्शिता को लेकर एक बेहतर तरीके से सिस्टम तैयार किया गया है।
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अब नर्सरी को भी दिया जाना है मिड डे मील
गौर हो कि अभी हिमाचल में नर्सरी कक्षा को भी मिड डे मील योजना के साथ जोड़ा जाने वाला है जिसके तहत बच्चों को एक बेहतर बजट के तहत भोजन का आवंटन किया जाएगा।



